स्लोवाकिया की डोमिनिका सिबुलकोवा ने पांचवीं वरीयता प्राप्त एग्निएज्का रादवांस्का को हराकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन फाइनल में प्रवेश कर लिया, जहां उनका सामना चीन की ली ना से होगा।
20वीं वरीयता प्राप्त सिबुलकोवा ने सेमीफाइनल में 6-1, 6-0 से जीत दर्ज करके 26 प्रयासों में पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में प्रवेश किया है। यह श्रेय हासिल करने वाली वह अपने देश की पहली खिलाड़ी हो गई हैं।
चौथी वरीय ली ना ने कनाडा की 19-वर्षीय यूजीन बुकार्ड को 6-2, 6-4 से पराजित कर अपने दूसरे ग्रैंड स्लैम खिताब की ओर कदम बढ़ाए। वह मेलबर्न में तीन बार फाइनल में पहुंच चुकी हैं। पिछले साल फाइनल में ली ना को विक्टोरिया अजारेंका से हार मिली थी, जिसमें नाटकीय ढंग से दो बार उनका टखना मुड़ गया था।
31-वर्षीय ली ना ने कहा, ''यह तीसरी बार है, मैं ट्राफी के इतने करीब हूं... कम से कम मैं इस बार हार नहीं मानने की कोशिश करूंगी, क्योंकि पिछले साल के फाइनल में मैंने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन मैं दुर्भाग्यशाली रही, क्योंकि मैं दो बार गिर गई थी...''
ली ना के पिछले साल गिरने के बाद उठकर खेलने से ऑस्ट्रेलिया में प्रशंसकों ने काफी सराहा था और यहां वह कोर्ट के बाहर अपने व्यवहार से काफी लोकप्रिय हैं। उनके वर्ष 2011 में फ्रेंच ओपन खिताब, जो किसी एशियाई खिलाड़ी का पहला एकल ग्रैंड स्लैम खिताब था, ने चीन में टेनिस को लोकप्रिय करने में मदद की थी।
वह सिबुलकोवा के खिलाफ फाइनल में निश्चित रूप से प्रबल दावेदार होंगी, जबकि प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी टूर्नामेंट का 'सरप्राइज पैकेज' रही हैं। ली ना के पास दूसरा खिताब जीतने का स्वर्णिम मौका है।
उधर, जीत के बाद सिबुलकोवा ने कहा, ''रादवांस्का अद्भुत खिलाड़ी है और मैने कठिन मैच की कल्पना की थी... मुझे पता था कि मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है... मैने अपने खेल पर फोकस बनाए रखा और यकीन नहीं होता कि मैं फाइनल में हूं...'' पोलैंड की रादवांस्का उस फॉर्म को दोहरा नहीं सकीं, जो क्वार्टर फाइनल में उसने गत दो बार की चैम्पियन विक्टोरिया अजारेंका के खिलाफ दिखाया था, वहीं सिबुलकोवा ने बेहतरीन खेल दिखाया और बहुत कम गलतियां कीं।
पिछले चार साल में क्वार्टर फाइनल या सेमीफाइनल खेलने वाली रादवांस्का आज तक ऑस्ट्रेलियाई ओपन फाइनल तक नहीं जा सकी हैं। वहीं 24-वर्षीय सिबुलकोवा सिर्फ एक बार पांच साल पहले फ्रेंच ओपन सेमीफाइनल में पहुंची थी। चौथे दौर में मारिया शारापोवा को हराने वाली सिबुलकोवा ने कहा कि अब वह और परिपक्व हुई हैं और बेहतर प्रदर्शन को तत्पर हैं।
उसने पहले गेम में ही रादवांस्का की सर्विस तोड़ी, जबकि अपनी बरकरार रखने में कामयाब रही। अगली सर्विस पर उसने पांच ब्रेक प्वाइंट बचाए। उसने एक समय 4-1 से बढ़त बना ली, जिसके बाद रादवांस्का ने कई सहज गलतियां कीं। वह हाथ आए मौकों का फायदा भी नहीं उठा सकीं। सिबुलकोवा ने उसकी सर्विस तोड़कर पहला सेट सिर्फ 37 मिनट में जीता। दूसरे सेट में रादवांस्का की सर्विस शुरुआत में ही टूट गई। उसने चौथे गेम में भी तीन ब्रेक प्वाइंट बनाए।
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