World Ozone Day 2021 : ओजोन परत के संरक्षण के लिए जरूरी है अवेयरनेस, इसलिए मनाते हैं वर्ल्ड ओजोन डे, जान‍िए इतिहास और थीम

Preservation of Ozone Layer : हर साल की तरह इस साल भी 16 सितंबर को वर्ल्ड ओजोन डे मनाया जा रहा है. जीवन के लिए ऑक्सीजन से ज्यादा जरूरी ओजोन है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को ओजोन लेयर के बारे में जागरूक करना है.

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World Ozone Day 2021: क्यों मनाया जाता है ओजोन दिवस, कब हुई थी इस दिन को मनाने की शुरूआत
नई दिल्ली:

World Ozone Day 2021 Theme : हर साल की तरह इस साल भी 16 सितंबर को वर्ल्ड ओजोन डे मनाया जा रहा है. जीवन के लिए ऑक्सीजन से ज्यादा जरूरी ओजोन है और इस दिवस को मनाने की यही वजह है कि ओजोन लेयर के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके, साथ ही इसे बचाने के लिए समाधान निकाले जा सके. बता दें कि ओजोन अणुओं की एक लेयर ही ओजोन परत है, जो 10 से 50 किलोमीटर के बीच के वायुमंडल में पाई जाती है. सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से ओजोन परत पृथ्वी को बचाती है. इस लेयर के बिना जीवन संकटमें पड़ सकता है. बता दें कि अगर यही अल्ट्रावायलेट किरणें सीधे धरती पर पहुंच जाए तो मनुष्य, पेड़-पौधों और जानवरों के लिए ये स्थिति काफी गंभीर हो सकती है. ऐसे में ओजोन परत का संरक्षण बेहद जरूरी है.

वर्ल्ड ओजोन डे का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा इस दिवस को मनाने की घोषणा की गई थी. 19 दिसंबर, 1994 को 16 सितंबर को ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया. 16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने ओजोन परत को खत्म करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य ओजोन परत की कमी के लिए जिम्मेदार पदार्थों के उत्पादन को कम करके ओजोन परत की रक्षा करना है. पहली बार विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर 1995 को मनाया गया.

 2021 World Ozone Day: जानिये वर्ल्ड ओजोन डे का महत्व

वर्ल्ड ओजोन डे की थीम

इस साल 2021 वर्ल्ड ओजोन डे की थीम है 'मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल - हमें, हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना'. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल बहुत कुछ करता है जैसे- जलवायु परिवर्तन की गति को कम करना व ठंडे क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने में मदद करना. इसके साथ ही ये खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देता है. इस साल की थीम को 197 देशों के द्वारा मंजूरी दी गई है. वहीं साल 2020 की थीम थी 'ओजोन फॉर लाइफ' यानी धरती पर जीवन के लिए इसका होना जरूरी है. धरती पर ओजोन परत के महत्व और पर्यावरण पर पड़ने वाले उसके असर के बारे में जानकारी के लिए हर साल 'विश्व ओजोन दिवस' मनाया जाता है.

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ऐसे बनती हैं ओजोन परत

बता दें कि ऑक्सीजन के तीन अणु (o3) मिलकर ओजोन का निर्माण करते हैं या फिर कह सकते हैं कि ओजाने परत का एक अणु आक्सीजन के तीन अणुओं के जुड़ने से बनता है. ये हल्के नीले रंग की होती हैं. ज्ञात हो की ओजोन की परत धरती से 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर शुरू हो जाती है और 50 किलोमीटर ऊपर तक मौजूद रहती है. ये परत सूर्य की घातक किरणों से धरती को प्रोटेक्ट करती है. ये परत मनुष्यों में कैंसर पैदा करने वाली सूरज की पराबैंगनी किरणों को भी रोकने में मदद करती हैं.

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ओजोन की सुरक्षा के उपाय

  • जरूरत है वाहनों में धुंआ उत्सर्जन रोकने की.
  • रबर और प्लास्टिक के टायर को जलाने पर रोक लगाना है जरूरी
  • ज्यादा से ज्यादा पौधों का रोपण जरूर करें.
  • पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने वाले उर्वरक का प्रयोग करें.
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