Winter Care Tips: कहीं सर्दियों में आप भी तो नहीं कर रहे हैं स्वेटर पहनकर सोने की गलती

Winter Tips: सर्दियों में शरीर को ठंड से बचाने के लिए लोग ऊनी कपड़े पहनते हैं. अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ घरों में लोग रात को ऊनी कपड़े पहनकर ही सो जाते हैं. शायद आपको अंदाजा नहीं है कि ऐसा करने से आपकी सेहत को कितना बड़ा नुकसान हो सकता है. 

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Winter Care Tips: स्वेटर पहन कर सोना हो सकता है स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह
नई दिल्ली:

सर्दियों का मौसम चल रहा है और ऐसे में पूरे उत्तर भारत (North  India) में कड़ाके की ठंड (Winter Season) पड़ रही हैं. इस मौसम में ठंड से बचने के लिए और खुद को गर्म रखने के लिए हम सभी ज्यादा से ज्यादा गर्म कपड़े पहनते हैं. बता दें कि ऊन ऊष्मा का सुचालक है और इसके रेशों में छिपा हीट कंडक्टर बॉडी से जेनरेट होने वाली गर्मी को कपड़ों के अंदर ही लॉक रखता है. यही कारण है कि ऊनी कपड़ों से हमारे शरीर पर ठंड का कोई असर नहीं पड़ता है. ऐसे में अक्सर कई लोग रात को सोते वक्त गर्म कपड़े (ऊनी कपड़े) पहनकर सो जाने की गलती कर बैठते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करने से आप अनजाने में खुद को नुकसान पहुंचा रहे होते हैं. आइए जानते हैं कैसे.

ऊनी कपड़े पहनकर सोने के नुकसान | Disadvantages of Wearing Sweater at Night

त्वचा अधिक ड्राई होने पर स्किन में एक्जिमा होने का खतरा बना रहता है, जिससे खुजली की समस्या व्यक्ति को परेशान करने लगती है. यही वजह है कि रात को गर्म कपड़े पहनकर नहीं सोना चाहिए.

रात को गर्म कपड़े पहनकर सोने से ब्लड प्रेशर लो होने की समस्या  (Low Blood Pressure) बनी रहती है. सर्दियों में स्वेटर पहनकर सोने से ब्लड प्रेशर बढ़ने के साथ-साथ कम होने की समस्या भी हो सकती है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि ज्यादा गर्मी के कारण कई बार बहुत ज्यादा पसीना आने लगता हैं. इस कारण कई बार ब्लड प्रेशर कम भी हो जाता है.

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सोते समय ऊनी मोजे भी नहीं पहनना चाहिए. ऊनी जुराबों में मौजूद थर्मल इन्सुलेशन पसीने को अच्छी तरह से सोख नहीं पाता, जिससे कई तरह की बैक्टीरिया पैदा होती है, इसलिए अगर आपको रात में मोजे पहनने की आदत है तो आप कॉटन के मोजे पहन सकते हैं.

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अक्सर लोगों को लगता है कि सर्दियों में पसीना नहीं आता, लेकिन ऐसा नहीं है. सर्दियों में भी आपको पसीना आता है बस आपको इसका एहसास नहीं होता है. बता दें कि आपके स्वेटर या ऊनी कपड़ों की अब्ज़ॉर्बिंग यानि कि पसीना सोखने की क्षमता बहुत अच्छी नहीं होती है, जिस वजह से ये पसीना आपके शरीर पर ही रहता है. इस पसीने को जब स्वेटर की वजह से शरीर का गर्म तापमान मिलता है तो ये एक अलग तरह के पिंपल्स को जन्म देता है, जिन्हें स्वेट पिंपल्स कहा जाता है.

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ऊनी कपड़े पहनने से शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती, जिस कारण बीपी और डायबिटीज के मरीजों की समस्या काफी बढ़ सकती है. 

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स्वेटर पहन कर सोने से सिर्फ पिंपल्स ही नहीं होते हैं, बल्कि इससे कई और तरह के स्किन इनफेक्शन्स को बढ़ावा मिल सकता है. बैक्टीरिया ऐसी जगहों पर जल्दी और तेज़ी से उत्पन्न होते हैं जो गर्म और नम होती हैं और जहां रोशनी कम होती है.इस कारम आपके चेहरे पर ड्राय, फ्लेकी पैचेज़ और स्कैल्प पर छोटे-छोटे दाने हो सकते हैं.

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गर्म कपड़े पहनकर सोने से ऑक्सीजन ब्लॉक हो सकती है. ऐसे में आपको घबराहट का सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही इससे सांस (Breathlessness) लेने में भी दिक्कत होती है. कोशिश करें की रात का हल्के कॉटन कपड़े ही पहन कर सोएं. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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