Vastu Niyam: भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल का पूजन करना शुभ माना जाता है. कहते हैं जो लोग लड्डू गोपाल को विराजित करते हैं, वो अपने बच्चे की तरह की उनकी देखभाल भी करते हैं. वैसे तो भगवान कृष्ण का ये बाल स्वरूप बहुत सौम्य माना जाता है. उसके बाद भी लड्डू गोपाल के पूजन के समय कुछ खास नियमों का ध्यान रखना चाहिए. खासतौर से लड्डू गोपाल जहां भी विराजित हैं, उस कक्ष को लेकर कुछ खास वास्तु नियम होते हैं. उनका पालन करने से लड्डू गोपाल के पूजन का फल और भी ज्यादा प्राप्त होता है.
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टूटी या खंडित मूर्तियों को हमेशा ही घर में निगेटिव एनर्जी देने वाला माना जाता है. इसलिए घर में ऐस मूर्तियां रखने से हमेशा परहेज ही करना चाहिए. खासतौर से जिस भी स्थान पर लड्डू गोपाल की प्रतिमा स्थापित हो वहां गलती से भी टूटी फूटी मूर्ति न रखें.
बिना धुले कपड़े
लड्डू गोपाल जिस भी कक्ष में विराजित हैं, उस कक्ष की साफ सफाई का भी बहुत महत्व होता है. उस कक्ष में गलती से भी गंदे कपड़े न रखें और न ही उस कक्ष में गंदे कपड़े पहन कर जाएं. उस कक्ष में हमेशा ही धुले हुए कपड़े पहनकर जाएं.
जूठी थाली न रखें
लड्डू गोपाल के पास कभी जूठी थाली भी नहीं रखनी चाहिए. हम उस थाली की बात कर रहे हैं, जिससे भगवान को भोग अर्पित किया जाता है. मान्यता ये है कि एक बार भोग लगाने के बाद वो थाली जूठी हो जाती है. इसलिए भोग लगने के बाद वो थाली वहां से हटा लेनी चाहिए. खासतौर से पूजन कक्ष में अगर लड्डू गोपाल विराजित हैं तो इस बात का खास ख्याल रखें.
सजावट का सामान न रखें
जिस जगह लड्डू गोपाल विराजित हैं, उस स्थान पर ज्यादा सजावटी वस्तुओं को भी नहीं रखना चाहिए. ऐसा इसलिए कि सामान जितना ज्यादा होगा धूल भी उतनी ही ज्यादा होगी. इसलिए लड्डू गोपाल के स्थान को साफ सुथरा और खुला खुला रखना ज्यादा बेहतर होगा.
पत्थर या नग न रखें
पॉजीटिव एनर्जी के लिए बहुत से लोग कुछ खास किस्म के स्टोन या फिर नग रखते हैं. लेकिन जहां लड्डू गोपाल विराजित हों, वहां ऐसी वस्तुएं बभी नहीं रखना चाहिए. जहां लड्डू गोपाल विराजित हों, वहां पहले से ही वातावरण पॉजीटिव रहता है. इसलिए इन चीजों का रखना बेकार ही साबित होता है.
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