प्रयागराज घूमने का है प्लान, संगम स्नान के बाद घूम आइए ये खूबसूरत जगहें, बस कुछ घंटों की दूरी पर हैं

Travel Guide: महाकुंभ 2025 में प्रयागराज आने का मन बना रहे हैं, तो संगम स्नान के साथ आसपास के हिल डेस्टिनेशन, चित्रकूट और रीवा घूमना न भूलें. यहां प्रकृति और आस्था दोनों का अद्भुत मेल है.

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Prayagraj Tourist Places: महाकुंभ आएं और संगम के साथ इन हिल डेस्टिनेशन का भी उठाएं मजा

Prayagraj Nearby Hill Destinations: उत्तर प्रदेश का पवित्र शहर प्रयागराज न सिर्फ अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके आसपास मौजूद खूबसूरत और ऐतिहासिक जगहें भी पर्यटकों को खूब आकर्षित करती हैं. अगर आप प्रयागराज की यात्रा का प्लान बना रहे हैं, तो शहर के पास स्थित कई बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन आपका इंतजार कर रहे हैं. शांत झीलें, हरे-भरे झरने, रहस्यमयी गुफाएं और ऐतिहासिक मंदिर यहां की खास पहचान हैं. चित्रकूट की पहाड़ियां और रीवा के झरने प्रकृति और आस्था, दोनों का अनोखा अनुभव कराते हैं. यहां घूमकर आपको सुकून और रोमांच दोनों मिलेगा.

क्या आप जानते हैं कि संगम दर्शन के अलावा भी यहां आपके सफर को यादगार बनाने के लिए कई शानदार हिल डेस्टिनेशन पास ही मौजूद हैं? अगर आप भीड़ से थोड़ा सुकून चाहते हैं तो ये जगहें आपके लिए परफेक्ट ट्रेवल प्लान बन सकती हैं.

चित्रकूट - इतिहास और पहाड़ियों का संगम (Chitrakoot)

  • प्रयागराज से लगभग 120 किलोमीटर दूर चित्रकूट धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत मिश्रण है. 
  • यहां की गुप्त गोदावरी गुफाएं, हनुमान धारा, कामदगिरि मंदिर और राम दर्शन जैसे स्थल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति देते हैं. 
  • वहीं नेचर लवर्स और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए शबरी जलप्रपात और हरी-भरी पहाड़ियां किसी स्वर्ग से कम नहीं. 
  • चित्रकूट सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि आत्मा को सुकून देने वाला अनुभव भी है.

रीवा - झरनों और गुफाओं का अद्भुत सफर (Rewa)

  • अगर आप भीड़-भाड़ से दूर नेचर के करीब समय बिताना चाहते हैं, तो प्रयागराज से सिर्फ 133 किलोमीटर दूर रीवा आदर्श जगह है.
  • यहां का रीवा किला और शांत रानी तालाब इतिहास व शांति का अद्भुत संगम हैं.
  • बैहर गुफाएं चट्टानों के रहस्यमयी इतिहास को बयां करती हैं.
  • वहीं चचाई झरना, केओटी फॉल्स, और बांधवगढ़ नेशनल पार्क सफर को रोमांच से भर देते हैं.
  • खास बात यह है कि रीवा को सफेद बाघों की धरती भी कहा जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है.

क्यों खास है ये सफर?

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मा को छू लेने वाला अनुभव है और जब इसमें प्रकृति की खूबसूरती और इतिहास का तड़का लग जाए तो यात्रा और भी यादगार बन जाती है. संगम स्नान के बाद इन जगहों पर घूमना आपको आध्यात्मिकता और नेचर का कॉम्बिनेशन एक साथ देगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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