Pregnancy And Covid 19 : दोबारा मां बनने से परहेज कर रही हैं महिलाएं, कोविड-19 है इसके पीछे की वजह

इकोनॉमिक इफेक्ट्स के अलावा ये कोविड-19 का एक और दुष्परिणाम है. क्योंकि, कोविड ने मां और बच्चे दोनों के लिए हेल्थ रिस्क खड़े कर दिए हैं. शोध में ये भी सामने आया कि ऐसा फैसला लेने वाली महिलाओं को पहले से तीन साल या उससे छोटा बच्चा है.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
रिसर्च को करने वाली ऑथर और एपिडेमोलॉजिस्ट लिंडा क्हेन के मुताबिक कोविड-19 के कहर ने महिलाओं को परिवार बढ़ाने पर दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया.

न्यूयॉर्क में रहने वाली महिलाओं से जुड़ी चौंकाने वाली स्टडी सामने आ रही है. जो महिलाएं इस महामारी के फैलने से पहले प्रेग्नेंट होना चाहती थीं. उन्होंने पेंडेमिक के बाद से इस बारे में सोचना ही बंद कर दिया है. जामा नेटवर्क ओपन जर्नल में इस संबंध में छपी रिपोर्ट चौंकाने वाली है. ये रिसर्च NYU Grossman School of Medicine ने की है. रिसर्च के मुताबिक न्यूयॉर्क की 1,179 महिलाएं पहले एक और बच्चे की प्लानिंग कर रही थीं. लेकिन कोविड 19 के बाद अब उन्होंने इस ख्याल को ही खुद से दूर कर दिया है. इस रिसर्च को करने वाली ऑथर और एपिडेमोलॉजिस्ट लिंडा क्हेन के मुताबिक कोविड-19 के कहर ने महिलाओं को परिवार बढ़ाने पर दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया.


महामारी खत्म होने का इंतजार
लिंडा ने आगे कहा कि इकोनॉमिक इफेक्ट्स के अलावा ये कोविड-19 का एक और दुष्परिणाम है. क्योंकि, कोविड ने मां और बच्चे दोनों के लिए हेल्थ रिस्क खड़े कर दिए हैं. शोध में ये भी सामने आया कि ऐसा फैसला लेने वाली महिलाओं को पहले से तीन साल या उससे छोटा बच्चा है. पेंडेमिक के दौरान उन्होंने जिस भी चुनौतियों का सामना किया उसकी वजह से वो ऐसा फैसला लेने पर मजबूर हुईं. यूनाइटेड स्टेट्स में महामारी के बीच बर्थ डेट का अचानक गिरना भी इसका एक सबूत है. ताजा डेटा के अनुसार देश में 2020 के मुकाबले इस साल 300,000 बर्थ कम हुए. ये सर्वे अप्रैल 2020 के मध्य से शुरू हुआ. जिसमें महिलाओं से उनके प्रेग्नेंसी प्लान को याद करने के लिए कहा गया. लिंडा के मुताबिक कुछ महिलाओं ने ये कहा कि वो प्रेग्नेंसी प्लान को ड्रॉप नहीं कर रही हैं. सिर्फ पेंडेमिक खत्म होने तक इसे डिले किया है. एक बार महामारी का दौर खत्म हो जाए तो वे इस दिशा में फिर सोच सकती हैं.

बर्थरेट गिरने के सबूत
जो लोग कोरोना काल में गंभीर स्ट्रेस लेवल से गुजरे या फिर फाइनेंशियल रूप से इनसिक्योर रहे उन्होंने परिवार बढ़ाने के प्लान ड्राप कर दिए या फिर पोस्टपोन ही कर दिए हैं. इस स्टडी से शोधकर्ता इस नतीजे पर भी पहुंचे कि पेरेंट्स के लिए फाइनेंशियल हेल्थ भी बहुत जरूरी है. साथ ही ये सुझाव भी दिए गए कि फर्टिलिटी में आ रही गिरावट को देखते हुए परिवारों को फाइनेंशियल सपोर्ट देना भी जरूरी हो गया है. स्टडी की वरिष्ठ लेखक मैलिन जैकबसन का कहना है कि कोरोना वायरल का असर सिर्फ इंडिविजुअल पेरेंट्स पर ही नहीं पड़ा बल्कि पूरे देश को प्रभावित कर रहा है. जैकबसन के मुताबिक इस सर्वे में सिर्फ उन्हीं महिलाओं को शामिल किया गया जो प्रेग्नेंसी प्लान कर रही थीं. इस संबंध में उन्हीं महिलाओं के साथ एक और सर्वे प्लान किया जाएगा जिसमें वैक्सीनेशन के बाद की स्थिति से जुड़े सवाल होंगे.
कीवर्ड-

Featured Video Of The Day
NDTV NRI PUNJAB: Bangkok का काला सच, Babbar Khalsa International को बड़ी चोट! देखें Top News