सॉकेट में मोबाइल चार्जर लगाकर छोड़ देते हैं आप? जानें कितनी बिजली होती है खर्च

Mobile Charger Electricity Consumption: कई लोगों को लगता है कि चार्जर सॉकेट में लगाकर रखने से कुछ नहीं होता है, लेकिन ये आपका बिजली का बिल बढ़ाने का काम कर सकता है.

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आपका चार्जर भी खाता है बिजली

सोशल मीडिया के इस दौर में लोगों के लिए खाने और परिवार के साथ बातचीत से ज्यादा जरूरी फोन चलाना होता है. लोगों को डाइनिंग टेबल से लेकर टॉयलेट तक, हर जगह फोन लेकर जाने की आदत होती है. ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी चीज चार्जर हो जाती है, दिन में कई बार लोग फोन चार्ज करते हैं और अक्सर इसे सॉकेट पर ऑन ही छोड़ देते हैं, उन्हें लगता है कि जब फोन चार्ज नहीं हो रहा है तो बिजली की खपत भी नहीं होगी. आइए जानते हैं कि ऐसा करने पर असल में कितनी बिजली खर्च होती है और ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए. 

मोबाइल चार्ज करने पर कितनी बिजली होती है खर्च?

आजकल फास्ट चार्जिंग का जमाना है, यानी कुछ ही मिनटों में फोन पूरी तरह से चार्ज हो जाता है. जितनी जल्दी आपका फोन चार्ज होगा, उतने ही ज्यादा वॉट का चार्जर होगा. अक्सर 20 से 45 वॉट तक के चार्जर होते हैं. कुछ फोन के चार्जर में ये ज्यादा भी हो सकता है. एक आम चार्जर से फोन चार्ज करने में काफी कम बिजली की खपत होती है, इसका सालाना हिसाब लगाया जाए तो ये करीब 150 से 200 रुपये तक ही होगा. 

प्लग में लगा चार्जर कितनी बिजली खाता है?

अब अगर आप फोन चार्ज करने के बाद प्लग में चार्जर लगाकर छोड़ देते हैं तो ये भी आपकी बिजली का बिल बढ़ाने काम करता है. दिनभर चार्जर प्लग में लगे होने से करीब 7.2 वॉट बिजली की खपत हो सकती है. यानी एक चार्जर से हर साल 15 से 20 रुपये तक ज्यादा बिजली का बिल आ सकता है. अगर आपके परिवार में तीन से चार फोन हैं तो ये ज्यादा हो सकता है. 

ऐसे कर सकते हैं बचत 

अब भले ही आपको चार्जर को सॉकेट में लगाने का खर्चा कम लग रहा हो, लेकिन घर में मौजूद तमाम चीजों से ये काफी ज्यादा हो सकता है. इसीलिए जब भी किसी डिवाइस को चार्ज करें तो चार्जर को भी आखिर में प्लग से निकाल लें. ऐसा करने से आपका बिजली का बिल जरूर कम होगा. 

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