कहीं आप भी तो नहीं है 'जेट लैग' की चपेट में, ये हैं लक्षण, ऐसे करें बचाव

जेट लैग भले ही कोई गंभीर बीमारी न हो, लेकिन यह शरीर की प्राकृतिक लय को बिगाड़कर नींद और एनर्जी लेवल पर असर डालता है. सही तैयारी, हेल्दी रूटीन और एक्सपर्ट टिप्स अपनाकर आप ट्रैवलिंग को और भी आरामदायक बना सकते हैं.

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Jet lag causes symptoms and prevention: आज के समय में ट्रैवलिंग लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा बन चुकी है. चाहे काम के लिए बिजनेस ट्रिप हो या छुट्टियों का विदेश प्लान, हवाई यात्रा बढ़ने के साथ जेट लैग की समस्या भी आम हो गई है. हालांकि, यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन शरीर की बॉडी क्लॉक यानी सर्केडियन रिदम को बिगाड़ देती है, जिससे नींद, भूख और एनर्जी पर असर पड़ता है.

क्या है जेट लैग? | what is jet lag

डॉ. के मुताबिक, जेट लैग को अस्थायी नींद विकार माना जाता है. यह तब होता है जब कोई व्यक्ति तेजी से कई टाइम जोन पार करता है. इस वजह से बॉडी क्लॉक और स्थानीय समय में तालमेल बिगड़ जाता है और नींद का पैटर्न गड़बड़ा जाता है.

जेट लैग के लक्षण | jet lag causes and symptoms

  • जेट लैग के लक्षण व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करते हैं.
  • नींद की समस्या – देर तक सो न पाना या जल्दी जाग जाना.
  • दिन में थकान और ऊर्जा की कमी.
  • ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत.
  • पेट संबंधी समस्या जैसे कब्ज या दस्त.
  • मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन.

किन्हें ज्यादा होता है जेट लैग? | jet lag problem

  • उम्र का असर: उम्र बढ़ने के साथ बॉडी की सर्केडियन रिदम को एडजस्ट करने की क्षमता घट जाती है, इसलिए बुजुर्गों में जेट लैग ज्यादा गंभीर होता है.
  • नींद की समस्या: जिन लोगों को पहले से अनिद्रा या स्लीप डिसऑर्डर है, उन्हें जेट लैग का असर ज्यादा होता है.
  • ट्रैवल डायरेक्शन: पूर्व दिशा में उड़ान (जैसे इंडिया से लंदन) ज्यादा चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि बॉडी क्लॉक को छोटा करना पड़ता है. पश्चिम दिशा में ट्रैवल (जैसे इंडिया से अमेरिका) थोड़ा आसान होता है.
  • बार-बार की यात्रा: फ्रीक्वेंट फ्लायर्स या लंबी दूरी की यात्राएं करने वालों को लंबे समय तक जेट लैग रह सकता है.

जेट लैग से बचाव कैसे करें? | jet lag treatment naturally

  • ट्रैवल से पहले नींद का शेड्यूल धीरे-धीरे एडजस्ट करें.
  • फ्लाइट के दौरान ज्यादा पानी पिएं, हाइड्रेटेड रहें.
  • अल्कोहल और कैफीन से बचें.
  • लंबी फ्लाइट में छोटी-छोटी नींद लें.
  • हल्का और पौष्टिक खाना खाएं.
  • डेस्टिनेशन पहुंचते ही सूर्य की रोशनी लें, ताकि बॉडी क्लॉक जल्दी एडजस्ट हो सके.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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