बकरीद ऐसा त्यौहार है जिसका इंतजार इस्लाम के मानने वाले बड़ी शिद्दत से करते हैं. ये त्यौहार उनके लिए कुर्बानी का त्यौहार है. इस दिन गरीबों में खैरात भी बांटी जाती है. जिसका सवाब भी मिलता है. यही वजह है कि कुर्बानी के गोश्त को गरीबों में बांटने की रवायत भी बरसों से चली आ रही है. ईद के दिन सुबह उठ कर ही त्यौहारी रौनकें शुरू हो जाती हैं. ऐसे में जरूरी है कि कुछ जरूरी काम सुबह जल्दी उठकर ही निपटा लें. कहीं ऐसा न हो कि त्योहार की रेलमपेल में आप इन्हें भूल ही जाएँ.
सुबह उठ कर जरूर करें ये काम
इस खास दिन पर सुबह जल्दी उठ कर नहा लें. क्योंकि एक बार त्योहार की गहमा-गहमी और मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया तो शायद आपको समय ही न मिले.
बच्चों को भी कर दें तैयार
बच्चों को भी इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है. संभव हो तो बच्चों को भी सुबह जल्दी ही नहा-धोकर तैयार होने को कहें. हां, याद रहे की दिन भर धमाचौकड़ी करने वाले इन नन्हें शैतान आज दिन भर इधर उधर कुछ न कुछ आते पीते रहेंगे. लेकिन तेल मसाले से बने पकवानों के बीच उन्हें शरीर के लिए जरूरी खुराक यानि हेल्दी नाश्ता सुबह ही करवा दें.
ईद के दिन पहने जाने वाले कपड़ों को पहले ही तैयार रखें.
ईद का मौका है तो भला नए कपड़े कैसे न पहने. आपने नए कपड़े अपने व बच्चों के लिए खरीद कर रखे होंगे. इन कपड़े में छोटे मोटे बदलाव यदि जरूरी हों तो पहले ही कर ली. कई ऐसा न हो कि आपके बच्चे के कुर्ते का बटन टूटा हो और इस छोटी से बात के पीछे उसकी ईद फीकी हो जाए.
दावत की तैयारी पहले ही कर लें
त्यौहार का दिन यानि व्यस्तताओं का दिन. जाहिर तौर पर मेहमानों का आना जाना लगा ही रहेगा. उनके एहतराम में लजीज दावत का इंतजाम होना भी लाजमी है. तो क्यों ने कुछ ऐसे टिप्स को फॉलो करें जो आपको त्यौहार का भी पूरा लुत्फ लेने दे और आपकी दावत में भी कोई कमी नहीं आने दें.
- दुआ के बाद कुर्बानी देने का दस्तूर है. ऐसे में पुरुष उस काम में मशगूल होंगे. तब तक आप दावत की तैयारी पूरी कर सकती हैं.
- कुर्बानी के गोश्त के अलावा मेहमानों को परोसे जाने वाले दूसरे पकवान तैयार किए जा सकते हैं.
- इन पकवानों में मीठा तो शामिल होगा ही. जिन्हें आप पहले ही बनाकर तैयार करके रख सकती हैं.
- कुर्बानी के बाद गोश्त पकाने की जल्दबाजी हो सकती है. क्योंकि मेहमान भी बस आते ही होंगे. इस जल्दबाजी को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है.
- कोशिश ये करें कि आप मसाले पहले ही भून कर रख लें. तरी की तैयारी पूरी हो जाए. बस गोश्त के आते ही आपको उसे पकने रखना होगा.
- मेहमानों के स्वागत या किसी से मिलने जाना है उसकी तैयारी भी पहले से करके रखी जा सकती है.
- सुबह दुआ से फारिग होने के बाद किचन का काम करते करते ड्राइंग रूम की साज-सज्जा को निखारा जा सकता है. ताकि सब कुछ नया नया नजर आए.
- इस तरह टाइम मैनेज करके कुर्बानी के बाद आपके लिए सिर्फ गोश्त पकाने का काम बचेगा. उसे दम पर रख कर आप इत्मिनान से अपने रिश्तेदारों से मिल जुल सकती हैं.