Why Chew Food 32 Times?: क्या आपके घर में भी दादी या मां कहती थीं...खाना आराम से चबा-चबाकर खाओ? बचपन में हमें ये सलाह शायद बोरिंग लगती थी, लेकिन अब साइंस भी यही कहती है कि धीरे-धीरे खाना और हर निवाले को अच्छी तरह चबाना सेहत के लिए किसी दवा से कम नहीं. आज की भागदौड़ में हम सब जल्दी में खाते हैं. कभी ऑफिस पहुंचने की जल्दी में, तो कभी मोबाइल स्क्रॉल करते हुए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि, यही जल्दीबाजी आपके पाचन, वजन और दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है?
क्यों कहा जाता है – हर निवाला 32 बार चबाओ? (Chew Your Food 32 Times)
दरअसल, हमारे पुराने आयुर्वेदिक नियमों में यह बताया गया है कि एक बाइट को कम से कम 32 बार चबाना चाहिए. इससे खाना छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता है और शरीर को पोषक तत्वों को अवशोषित करने का समय मिलता है. जब हम जल्दी-जल्दी खाते हैं, तो ब्रेन को पेट भरने का सिग्नल नहीं मिलता, जिससे ओवरइटिंग (Healthy digestion tips) की संभावना बढ़ जाती है. धीरे खाने से भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन संतुलित रहते हैं और मोटापा नहीं बढ़ता.
माइंडफुल ईटिंग: दिमाग और पेट का रिश्ता (Right way to eat for digestion)
धीरे चबाकर खाने से पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है, क्योंकि लार (saliva) में मौजूद एंज़ाइम खाना तोड़ने में मदद करते हैं. वहीं, जल्दी खाने से यह प्रक्रिया अधूरी रह जाती है, जिससे गैस, एसिडिटी और पेट फुलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
माइंडफुल ईटिंग का मतलब है...खाना खाते वक्त सिर्फ खाने पर ध्यान देना. इससे न सिर्फ खाना सही तरीके से पचता (Khana kitni bar chabana chahiye) है, बल्कि आप कम खाते हैं और पेट हल्का महसूस होता है.
धीमे खाने के फायदे जो आपको चौंका देंगे (Proper chewing for better digestion)
- वजन कंट्रोल में रहता है.
- पाचन और मेटाबॉलिज़्म मजबूत होता है.
- सीने की जलन और एसिडिटी से राहत.
- दिल की सेहत बेहतर रहती है.
- बेली फैट कम होने में मदद.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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