Sarson ka saag khane ke fayde : सर्दियां आते ही घरों में साग की खुशबू फैलने लगती है. मेथी, पालक, सरसों, बथुआ जैसे साग आपकी सेहत के लिए सुपरफूड की तरह होते हैं. ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इनमें विटामिन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और फोलिक एसिड जैसे खनिज तत्व पाए जाते हैं. खाने में हरा साग शामिल करने से इम्यूनिटी बढ़ने से लेकर खून तक बनता है. इससे शरीर अंदर से मजबूत होता है. आइए जानते हैं साग खाने से क्या-क्या फायदा होता है, साग कब नहीं खाना चाहिए, रात में साग क्यों खाने से बचना चाहिए और कौन सा साग खाने से खून बनता है.
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साग खाने से क्या-क्या फायदा होता है? (Saag Benefits)
1. साग सिर्फ स्वाद में ही नहीं फायदों में भी कमाल हैं. पालक, बथुआ और सरसों जैसे साग में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और क्लोरोफिल ज्यादा होते हैं. ये शरीर से टॉक्सिन निकालकर ब्लड साफ करने में मदद करते हैं.
2. साग में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन K भरपूर मात्रा में होते हैं, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे खून बनता है.
3. साग लो कैलोरी और हाई फाइबर फूड है. इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे ओवरईटिंग कम होती है.
4. साग में विटामिन C, A और कई माइक्रोन्यूट्रिशिएंट्स होते हैं, जो बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं.
5. भुना हुआ या हल्का पका साग डाइजेशन सुधारता है. कब्ज, गैस और ब्लोटिंग जैसी दिक्कतों से राहत मिल सकती है.
6. एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन A त्वचा को ग्लोइंग बनाते हैं और बालों को मजबूत करते हैं.
साग कब नहीं खाना चाहिए? (When should not eat greens)
1. साग जितना फायदेमंद है, उतने ही सावधानी की भी जरूरत है. कुछ स्थितियों में इसका सेवन नुकसान कर सकता है. पालक, मेथी और बथुआ में ऑक्सालेट्स होते हैं, जो स्टोन फॉर्मेशन बढ़ा सकते हैं. इसलिए पथरी (Kidney Stone) वाले लोगों को इसे अवॉयड करना चाहिए.
2. कुछ लोगों को कच्चा या अधपका साग खाने पर एसिडिटी बढ़ सकती है.
3. डायरिया या पेट खराब होने पर हाई फाइबर फूड लेने से समस्या बढ़ सकती है.
4. गर्भवती महिलाओं को सावधानी रखनी चाहिए. साग पौष्टिक है, लेकिन अच्छी तरह धोकर और पकाकर ही खाना चाहिए. कच्चे पत्तों में गंदगी या बैक्टीरिया हो सकते हैं.
रात में साग क्यों नहीं खाना चाहिए? (Why should saag not be eaten at night)
1. रात को डाइजेशन बाकी समय की तुलना में स्लो होता है. साग में फाइबर ज्यादा होता है, जिसका ब्रेकडाउन देर से होता है. इससे रात में गैस, अपच, ब्लोटिंग या भारीपन महसूस हो सकता है.
2. रात में शरीर में आयरन का अवशोषण उतना प्रभावी नहीं होता है, इसलिए साग का पूरा फायदा नहीं मिलता है.
3. कुछ लोगों को हैवी या फाइबर खाना खाने से रात में असहज महफूज होता है, जिससे नींद की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है.
कौन सा साग खाने से खून बनता है? (Which greens help in blood formation)
अगर आप एनीमिया से परेशान हैं या हीमोग्लोबिन बढ़ाना चाहते हैं, तो पालक (Spinach), बथुआ (Bathua), सरसों का साग और मेथी का साग खा सकते हैं. इनमें आयरन के साथ कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कमजोर लोगों और नई-नई मां बनी महिलाओं के लिए बेहतरीन माने जाते हैं. इन्हें खाने से खून बढ़ता है.