Oil Benefits: अपनी स्किन की हिफाजत के लिए या फिर खाना पकाने के लिए किसी न किसी तेल का इस्तेमाल जरूर करते हैं. इन तेलों में से सही तेल का चुनाव करना भी जरूरी होता है. वैसे तो अलग अलग तरह के ऑयल्स की लंबी लिस्ट है. लेकिन नारियल का तेल (Coconut Oil) और सीसम ऑयल (Sesame Oil) यानी कि तिल का तेल अच्छे विकल्प माने जाते हैं. वैसे तो इनके नाम से ही जाहिर है कि ये तेल एकदूसरे से कितने अलग हैं. इसके बावजूद दोनों के गुणों में अंतर है और उन गुणों के हिसाब से उनके फायदों में भी अंतर हैं.
ये है अंतर
ये दोनों के नाम से आप समझ सकते हैं नारियल तेल, नारियल से निकाला जाता है जबकि तिल का तेल तिल से ही निकलता है.
नारियल के तेल में आपको मीठा सा और ट्रॉपिकल टेस्ट मिलता है. जबकि तिल के तेल में आपको बेसिक टेस्ट मिलेगा.
तिल का तेल निकालने के लिए कोल्ड प्रेस्ड मेथड यूज किया जाता है. यानी कि बीज को दबाकर तेल निकाला जाता है. जबकि नारियल का तेल कई अलग अलग तरह से निकाला जाता है. जिसमें वेट मिलिंग, कोल्ड प्रेसिंग और एक्सपेलर प्रेस्ड तरीका भी शामिल होता है.
तापमान कितना भी कम हो तिल का तेल पिघला ही रहता है. जबकि नारियल का तेल जमने लगता है.
ये हैं फायदे
तिल का तेल हेल्दी पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स का अच्छा सोर्स है. साथ ही ओमेगा 3, ओमेगा 6 फैटी एसिड्स भी इसमें भरपूर हैं. इसमें विटामिन ई भी खूब अच्छी मात्रा में मिलता है. ये विटामिन हेल्दी स्किन और हेयर के लिए जरूरी एंटीऑक्सीडेंट है. इन सबके अलावा तिल के तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज भी मौजूद हैं.नारियल के तेल में अनसैचुरेटेड फैट ज्यादा होते हैं. इस तेल में लॉरिक एसिड मौजूद होता है. जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल होता है. ये मीडियम चेन ट्रायग्लिसराइड्स का भी बहुत अच्छा सोर्स है जो आसानी से डाइजेस्ट होते हैं और भरपूर एनर्जी देते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.