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This Article is From May 18, 2020

Cyclone Amphan: आखिर इस तूफान का नाम अम्‍फान कैसे पड़ा? जानिए इसके बारे में ये बातें

Amphan: इस तूफान का केंद्र ओडिशा के पारादीप से 980 किलोमीटर दक्षिण में, पश्चिम बंगाल के दीघा से 1,130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और बांग्लादेश के खेपूपारा से 1250 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित है.

Cyclone Amphan: आखिर इस तूफान का नाम अम्‍फान कैसे पड़ा? जानिए इसके बारे में ये बातें
Cyclone Amphan Update: चक्रवाती तूफान अम्फान भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है.
नई दिल्ली:

चक्रवाती तूफान अम्फान (Amphan) बंगाल की खाड़ी के ऊपर भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है जिससे ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के कई तटीय जिलों में तेज रफ्तार हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है.
कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जी के दास ने बताया कि यह तूफान 20 मई की दोपहर और शाम के बीच में बहुत भीषण चक्रवाती तूफान के तौर पर पश्चिम बंगाल में सागर द्वीपसमूह और बांग्लादेश के हतिया द्वीपसमूहों के बीच पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटीय क्षेत्रों से गुजर सकता है.

तूफान का केंद्र ओडिशा के पारादीप से 980 किलोमीटर दक्षिण में, पश्चिम बंगाल के दीघा से 1,130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और बांग्लादेश के खेपूपारा से 1250 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित है. नेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इस तूफान का नाम अम्‍फान क्‍यों है? जानिए तूफान का नामकरण कैसे किया जाता है.

1. अम्फान (Amphan) तूफान साल 2004 में तैयार की गई तूफान की लिस्‍ट का आखिरी नाम है. इस तूफान के नाम का प्रस्‍ताव थाईलैंड ने दिया था. 

2. दुनिया भर में तूफानों के नाम 5 कमेटियां फाइनल करती हैं. इन कमेटियों के नाम हैं: (1) इस्‍केप टाइफून कमेटी (2) इस्‍केप पैनल ऑफ ट्रॉपिकल साइक्‍लोन (3) आरए 1 ट्रॉपिकल साइक्‍लोन कमेटी (4) आरए- 4 (5) आरए- 5 ट्रॉपिकल साइक्‍लोन कमेटी.

3. सबसे पहले विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन ने चक्रवातों के नाम रखने की शुरुआत की. वहीं, भारत में तूफानों का नाम देने का चलन 2004 से शुरू हुआ. भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाइलैंड ने भी तूफानों को नाम देने का फॉर्मूला तैयार किया. इन 8 देशों की ओर से सुझाए गए नामों के पहले अक्षर के अनुसार उनका क्रम तय किया जाता है और उसी क्रम के अनुसार चक्रवातों के नाम रखे जाते हैं.

4. इन सभी आठ देशों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (World Meteorological Organization) को तूफानों के नाम की लिस्ट दी हुई है. इसमें भारत ने 'अग्नि', 'बिजली', 'मेघ', 'सागर' और 'आकाश' जैसे नाम दिए. वहीं, पाकिस्तान ने 'निलोफर', 'बुलबुल' और 'तितली' जैसे नाम दिए. इन्हीं नामों में से वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन तूफान का नाम रखती है.

5. इन आठ देशों में अगर चक्रवात आता है तो भेजे गए नामों में बारी-बारी एक नाम चुना जाता है. भारत में 10 साल तक एक नाम दोबारा इस्‍तेमाल नहीं किया जाता. साथ ही ज्‍यादा तबाही मचाने वाले चक्रवातों के नाम को निरस्‍त कर दिया जाता है. इस बार थाईलैंड की तरफ से भेजे गए तूफान का नाम चुना जाना था. इसलिए भारत में आए इस तूफान को अम्‍फान नाम दिया गया है.
  
6. अमेरिका हर साल तूफानों के 21 नामों की सूची तैयार करता है. हालांकि अंग्रेजी के हर एल्‍फाबेट से एक नाम रखा जाता है. लेकिन Q,U,X,Y और Z एल्‍फाबेट से तूफान का नाम रखने की परंपरा नहीं है. अगर एक साल में 21 से ज्‍यादा तूफान आएं तो फिर उनका नाम ग्रीक अल्‍फाबेट अल्‍फा, बीटा, गामा के नाम से रख दिया जाता है. इन नामों में ऑड-ईवन का फॉर्मूला अपनाया जाता है. जैसे ऑड सालों में चक्रवात का नाम औरतों के नाम पर रखा जाता है, जबकि ईवन सालों में आए तूफान के नाम पुरुषों पर आधारित होते हैं. कहने का मतलब है कि ऑड साल जैसे कि 2019, 2021 और 2023 में आने वाले तूफानों के नाम औरतों के नाम पर रखे जाएंगे. वहीं ईवन साल जैसे कि 2018, 2020 और 2022 में आने वाले तूफानों के नाम पुरुषों के नाम पर आधारित होंगे.

7. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात 'अम्फान' बंगाल की खाड़ी में एक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो रहा है और अगले 24 घंटों में यह अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है. चक्रवाती तूफान के भारतीय तट की ओर बढ़ने के चलते ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के कई तटीय जिलों में तेज रफ्तार हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है.

8. कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जी के दास ने बताया कि यह तूफान 20 मई की दोपहर और शाम के बीच में अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान के तौर पर पश्चिम बंगाल में सागर द्वीपसमूह और बांग्लादेश के हतिया द्वीप समूह के बीच पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटीय क्षेत्रों से गुजर सकता है.

9.पिछले साल चक्रवात 'फोनी' सहित कई चक्रवातों का सामना कर चुके ओडिशा ने खतरे वाले इलाकों से 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं.

10. चक्रवात के कारण उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना जिले, कोलकाता, पूर्वी एवं पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली सहित गंगाई पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिलों में 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश तथा छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है.

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