नींद नहीं आती? तो बजाना शुरू कर दें शंख, 'कुम्भकर्ण' जैसे खर्राटों के लिए है रामबाण इलाज

एक स्टडी के मुताबिक, नियमित शंख बजाने से स्लीप एप्निया मरीजों की नींद की गुणवत्ता बेहतर हुई और दिन की सुस्ती 34% तक घटी. विशेषज्ञ मानते हैं कि, यह CPAP मशीन का सरल और सस्ता विकल्प बन सकता है.

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भारतीयों के इस पुराने तरीके से हो सकता है खर्राटों का इलाज

Shankh Benefits For Sleep Apnea: भारत में एक नई स्टडी ने हैरान करने वाला खुलासा किया है. जयपुर के Eternal Heart Care Centre and Research Institute में हुई रिसर्च के मुताबिक, शंख बजाना स्लीप एप्निया (OSA) मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. नियमित अभ्यास से न केवल नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है, बल्कि दिन भर की सुस्ती (Sleep apnoea treatment) भी कम हो जाती है.

क्या है स्लीप एप्निया (OSA)? (natural treatment sleep apnoea)

स्लीप एप्निया एक गंभीर नींद संबंधी समस्या है. इसमें नींद के दौरान गले की मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं और सांस की नली ब्लॉक हो जाती है. इसके कारण मरीज को कुछ सेकंड के लिए सांस रुक जाती है. आमतौर पर इसके लक्षण तेज खर्राटे, झटके से सांस आना और बार-बार नींद टूटना होते हैं, सिर्फ UK में ही लगभग 80 लाख लोग इससे जूझ रहे हैं.

6 महीने की स्टडी: 30 मरीजों पर परीक्षण (Indian study sleep disorder)

शोध में 19 से 65 साल की उम्र के 30 मरीजों को शामिल किया गया. आधे मरीजों को शंख बजाने की ट्रेनिंग दी गई, जबकि बाकी को डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज कराई गई, जिन मरीजों ने छह महीने तक रोज़ 15 मिनट शंख बजाया, उनमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए.

  • नींद की गुणवत्ता में सुधार.
  • दिन की सुस्ती 34% तक घटी.
  • खून में ऑक्सीजन स्तर बेहतर हुआ.
  • सांस रुकने की घटनाएं हर घंटे 4-5 बार तक कम हो गईं.

क्यों फायदेमंद है शंख बजाना? (Shankh blowing benefits)

विशेषज्ञों का कहना है कि, शंख फूंकने से गले और सॉफ्ट पैलेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. शंख से निकलने वाली कंपन और हवा का रेसिस्टेंस गले को टोन करता है और सांस की रुकावट को कम करता है. यही कारण है कि OSA मरीजों को राहत मिलती है.

CPAP का आसान विकल्प बन सकता है शंख (CPAP alternative)

अब तक OSA का सबसे आम इलाज CPAP मशीन है, जो सोते समय नाक और गले में प्रेशराइज्ड हवा भेजती है, लेकिन यह महंगी और असुविधाजनक होती है. शोध के लीड डॉक्टर कृष्णा के शर्मा का कहना है कि, शंख बजाना CPAP का सरल, सस्ता और नॉन-इनवेसिव विकल्प हो सकता है.

आगे होगा बड़े स्तर पर परीक्षण (Sleep disorder natural remedy)

इस स्टडी के शुरुआती नतीजे बेहद सकारात्मक रहे हैं. अब इसे बड़े पैमाने पर और अलग-अलग अस्पतालों के सहयोग से आगे बढ़ाने की तैयारी है. शोधकर्ता जानना चाहते हैं कि यह तकनीक गले की मांसपेशियों, ऑक्सीजन स्तर और नींद पर कितने व्यापक प्रभाव डालती है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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