Bleach vs facial for instant glow: हम सब चाहते हैं कि हमारा चेहरा हमेशा ग्लो करता रहे. कभी शादी, पार्टी या ऑफिस फंक्शन हो तो तुरंत चेहरे पर निखार चाहिए होता है. चमकदार त्वचा पाने के लिए महिलाएं अक्सर फेशियल और ब्लीच करवाती हैं, लेकिन क्या दोनों एक साथ करना सही है? अक्सर लोग ब्लीच या फेशियल का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन दोनों का असर कितना अलग होता है? चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं. ब्यूटी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फेशियल के दौरान स्क्रब और मसाज से स्किन पहले ही संवेदनशील हो जाती है. ऐसे में अगर तुरंत ब्लीच किया जाए तो जलन, रैशेज और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है.
क्या पहले ब्लीच करवाना चाहिए या फेशियल ( Should one bleach the skin during facial or not)
सही तरीका यह है कि पहले ब्लीच करवाएं और उसके बाद फेशियल करें, ताकि स्किन को आराम मिल सके. सेंसिटिव स्किन वालों को ब्लीच से पूरी तरह बचना चाहिए और नेचुरल ग्लो के लिए हल्के फेशियल का चुनाव करना चाहिए. इंस्टेंट निखार चाहिए तो ब्लीच करें, लेकिन लॉन्ग-लास्टिंग ग्लो और हेल्दी स्किन के लिए फेशियल है बेहतर विकल्प. अपनी स्किन टाइप समझकर ही सही चुनाव करें, तभी मिलेगा असली ग्लो. समझ लीजिए फेशियल और ब्लीच एक साथ करवाना हानिकारक है, इनके बीच अंतर ज़रूरी है.
ब्लीच: तुरंत ब्राइटनेस लेकिन शॉर्ट-टर्म असर (facial treatment)
ब्लीच का नाम सुनते ही दिमाग में आता है इंस्टेंट ब्राइटनेस. इसका काम चेहरे के बालों को हल्का करना और स्किन टोन से मैच कर देना है. इसमें हाइड्रोजन पेरॉक्साइड जैसे स्ट्रॉन्ग केमिकल्स होते हैं, जो त्वचा को तुरंत साफ और चमकदार दिखाते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इसका असर सिर्फ कुछ दिनों तक रहता है. संवेदनशील स्किन वालों को तो जलन, खुजली या रेडनेस तक हो सकती है, इसलिए ब्लीच से पहले पैच टेस्ट करना जरूरी है.
फेशियल: डीप क्लीनिंग और लॉन्ग-लास्टिंग ग्लो (Bleach facial benefits)
फेशियल सिर्फ स्किन को बाहर से निखारता नहीं, बल्कि अंदर से रिपेयर करता है. इसमें क्लींजिंग, एक्सफोलिएशन, मसाज और मास्क शामिल होते हैं, जो डेड स्किन हटाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं. फेशियल प्रोडक्ट्स में विटामिन्स, हर्ब्स और मिनरल्स होते हैं, जो स्किन को पोषण देते हैं. यही वजह है कि इसका असर लंबे समय तक रहता है और त्वचा को रिलैक्स भी करता है.
कब करें ब्लीच और कब करवाएं फेशियल? (Facial for glowing skin)
अगर आपको किसी इवेंट या पार्टी में तुरंत चमक चाहिए तो ब्लीच काम आ सकता है, लेकिन अगर आपकी स्किन संवेदनशील या पिंपल-प्रोन है, तो ब्लीच से बचें. वहीं, अगर आप हेल्दी और नैचुरल ग्लो चाहते हैं तो हर 4-6 हफ्ते में फेशियल करवाना बेहतर है.
आखिरी सलाह (Best skin care tips for glow)
ब्लीच एक तात्कालिक समाधान है, जबकि फेशियल स्किन को अंदर से हेल्दी और ग्लोइंग बनाता है. सही चुनाव हमेशा आपकी स्किन टाइप और जरूरत के हिसाब से होना चाहिए और हां, किसी भी ट्रीटमेंट से पहले स्किन एक्सपर्ट की राय जरूर लें.
(Disclaimer: इस लेख में किए गए दावे इंस्टाग्राम वीडियो और इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं. एनडीटीवी इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है.)
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