UPSC Success Story: हर साल यूपीएससी परीक्षा के रिजल्ट पर लोगों की नजर रहती है. ये रिजल्ट किसी की मेहनत का पूरा फल देता है तो किसी की मेहनत पर पानी भी फेर देता है. बिजनौर की श्रुति शर्मा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. जिन्हें एक बार अपनी मेहनत का फल नहीं मिला. पर, उन्होंने हार नहीं मानी. सिविल सेवा परीक्षा 2021 का परिणाम आया और बिजनौर की श्रुति शर्मा ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं. खास बात ये थी कि टॉप 10 में पहले चार पायदान महिलाओं ने ही अपने नाम किए.
दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास (ऑनर्स) की पढ़ाई करने वाली और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पोस्टग्रेजुएशन पूरी करने वाली श्रुति ने ये सफलता अपने दूसरे प्रयास में हासिल की. उनके संघर्ष, मेहनत और सेल्फ स्टडी की कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई.
संघर्ष और तैयारी
श्रुति शर्मा (UPSC Topper ) उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के बास्टा कस्बे की रहने वाली थीं. उनके परिवार में माता-पिता और भाई थे. मां गृहणी थीं, जबकि पिता दिल्ली में एक निजी स्कूल चला रहे थे. चार साल तक लगातार आईएएस बनने की तैयारी करने के बाद श्रुति ने जामिया मिलिया इस्लामिया की रेसिडेंशियल कोचिंग एकेडमी से दो साल तक कोचिंग ली. उन्होंने खुद के नोट्स तैयार किए और हमेशा मानती थीं कि पढ़ाई की क्वालिटी ही सफलता की चाबी है, न कि केवल घंटों पढ़ाई करना.
श्रुति ने बताया कि माता-पिता और दोस्तों का सहयोग उनके लिए बेहद हेल्पफुल रहा. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय धैर्य, कंसिस्टेंसी और सेल्फ स्टडी को दिया. उनका मानना था कि सही दिशा में लगातार मेहनत करने से कोई भी चुनौती आसान हो सकती है.
लक्ष्य और प्रेरणा
यूपीएससी में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) उनका पहला ऑप्शन था. पहली रैंक हासिल कर उन्होंने आसानी से अपना लक्ष्य पूरा भी किया. इसके बाद श्रुति ने कहा कि शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर वो खासतौर से काम करना चाहेंगी. इस मुकाम तक पहुंचने की श्रुति की कहानी ये दिखाती है कि मेहनत, कॉन्फिडेंस और दृढ़ संकल्प से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है.
उस साल यूपीएससी ने कुल 685 अभ्यर्थियों को पास किया, जिनमें 508 पुरुष और 177 महिलाएं शामिल थीं. टॉप 25 में 10 महिलाएं और 15 पुरुष थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सफल उम्मीदवारों को बधाई दी थी.
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