Gandhi Jayanti 2022: गांधी जयंती के अवसर पर पुरे देश में महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है. उस वक्त उन्हें बापू के नाम से जाना जाता था और अब वे राष्ट्रपिता के रूप में माने जाते हैं. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को मोहनदास करमचंद गांधी के रूप में हुआ था. महात्मा गांधी हमें जीवन के सभी पहलुओं में प्रेरित करते रहते हैं, और उनके द्वारा दी गई शिक्षाएं अभी भी युवा और नई पीढ़ियों को दी जाती हैं. यहां गांधी जी के जीवन के शीर्ष पांच सबक दिए गए हैं जो सभी माता-पिता अपने बच्चों को सिखा सकते हैं और उन्हें आवश्यक रूप से सिखानी भी चाहिए.
सद्भावना और प्रेम से रहना सिखाएं
दुनिया भर में शांति, प्रेम और दया व्यापक रूप से देखी जा सकती है, और इसी वजह से यह रहने के लिए एक बेहतर जगह है. यह प्रक्रिया प्रत्येक व्यक्ति के अंदर शुरू होती है. अपने बच्चों को प्यार से शर्माने और इससे दूर भागने के बजाय उसे समझना सिखाएं. इससे उनमें सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा होगा और जैसे-जैसे वे बड़े होंगे वे अपने आस-पास करुणा और प्रेम फैलाते रहेंगे.
सादगी में रहना सिखाएं
कोई भी इंसान भौतिक संपत्ति के बिना भी खुश रह सकता है. गांधी जी बड़े सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. उन्होंने कभी भी एक विलासितापूर्ण जीवन नहीं जिया, लेकिन उनके पास जो कुछ भी था उससे संतुष्ट थे. सभी माता-पिता को अपने बच्चों को यह तथ्य समझाना चाहिए कि मानवीय संबंध और रिश्ते अक्सर हमारी सबसे बड़ी खुशी की वजह होते हैं, इसलिए उन्हें सबसे अधिक महत्व दिया जाना चाहिए. यदि आप दुखी हैं, तो धन और अन्य वस्तुएं व्यर्थ हैं. गांधी जी का आदर्श वाक्य "सादा जीवन, उच्च विचार" था.
अहिंसा का रास्ता चुने
महात्मा गांधी का हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण संदेश निरंतर अहिंसा के मार्ग पर चलना था. अहिंसा, दया और सहानुभूति का इस्तेमाल लड़ाई और यहां तक कि युद्ध जीतने के लिए भी किया जा सकता है. आप अपने बच्चों में अहिंसा का मूल्य और यह विचार पैदा कर सकते हैं कि हर परिस्थिति में प्रतिक्रिया की आवश्यकता नहीं होती है.
हमेशा सत्य बोलना सिखाएं
बापू हमेशा सत्य की शक्ति में विश्वास करते थे. कभी-कभी बच्चे झूठ बोलते हैं, चाहे वह छोटा सफेद झूठ हो या गलती से बोला गया झूठ हो. बच्चों को ऐसा लगता है कि झूठ बोलकर परेशानी से बचा जा सकता है. अपने बच्चों को हमेशा अपनी गलतियों को स्वीकार करना और सच बोलना सिखाएं. सच बोलने के लिए तैयार रहकर रिश्तों को फिर से बनाना बेहतर होता है, भले ही इससे दुख ही क्यों न हो, पर अंत में जीत सच की ही होती है.
लगन और मेहनत से मिलेगी सफलता
आज बहुत से बच्चों में चुनाव करने और उस पर टिके रहने की प्रतिबद्धता और इच्छाशक्ति की कमी होती है या उनमें ध्यान भटकने की प्रवृत्ति होती है. वे महात्मा गांधी के तप से बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं. जिसने अहिंसक प्रदर्शन करना सिखाया, हमें औपनिवेशिक अत्याचार से स्वतंत्रता प्राप्त करने में सहायता की ऐसे महापुरुष के आदर्शों पर चलने की सलह देनी चाहिए.