Government Jobs: सरकार ने केंद्रीय विधि सचिव के महत्वपूर्ण पद को भरने के लिए विज्ञापन दिया है और अधिवक्ताओं, जिला न्यायाधीशों और सरकारी एवं प्रतिष्ठित निजी फर्मों में कार्यरत विधि अधिकारियों और अन्य से आवेदन आमंत्रित किये हैं. ये पद पिछले हफ्ते उस वक्त खाली हुआ था, जब अनूप कुमार मेंदीरत्ता को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने सोमवार को शपथ ली. न्यायमूर्ति मेंदीरत्ता उस वक्त दिल्ली में जिला न्यायाधीश थे, जब उन्हें अक्टूबर, 2019 में विधि सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था. विधि सचिव को कानूनी मामलों के सचिव के रूप में भी जाना जाता है.
ये दूसरी बार है जब सरकार ने इस महत्वपूर्ण पद को भरने के लिए भारतीय कानूनी सेवा (आईएलएस) के अधिकारियों से इतर प्रतिभाओं की तलाश की है. आमतौर पर, कानून मंत्रालय में विधि सचिव और सचिव (विधायी विभाग) की नियुक्ति आईएलएस से की जाती है. अक्टूबर 2019 में जब मेंदीरत्ता को विधि सचिव नियुक्त किया गया था, तब सरकारी अधिकारियों, जिला न्यायाधीशों और कानूनी विशेषज्ञों सहित कम से कम 60 लोगों ने इस पद के लिए आवेदन किया था.
केंद्रीय कानून मंत्रालय में कानूनी मामलों के विभाग द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार, आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या समकक्ष से विधि स्नातक होना चाहिए. विज्ञापन में कहा गया है कि वह व्यक्ति वर्तमान में या पूर्व जिला न्यायाधीश हो, या भारतीय कानूनी सेवा का अधिकारी हो जो अतिरिक्त सचिव के स्तर पर काम कर रहा हो और उस स्तर पर उसे एक वर्ष का अनुभव हो.
विज्ञापन में कहा गया है कि उम्मीदवार 'योग्यता का व्यक्ति हो सकता है और कानून, कानूनी मामलों या किसी अन्य क्षेत्र में कानून और पेशेवर अनुभव का विशेष ज्ञान रखने वाला व्यक्ति हो सकता है, जो केंद्र सरकार की राय में इस पद के लिए उपयोगी हो.'
यदि कोई अधिवक्ता आवेदन करता है, तो उसे सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालयों में अधिवक्ता के रूप में कम से कम 25 वर्ष का अनुभव होना चाहिए और उसके पास नेतृत्वकर्ता अधिवक्ता के रूप में 25 फैसले दर्ज होने चाहिए. आवेदक की आयु अधिमानतः 57 वर्ष से कम होनी चाहिए. कार्यकाल पांच वर्ष तक या 60 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक होगा.
विज्ञापन में कहा गया है, 'हालांकि, नियुक्ति के लिए चुने गए व्यक्ति को 60 वर्ष की आयु से अधिक पद पर बने रहने के लिए विचार किया जा सकता है, ताकि उसे उचित कार्यकाल दिया जा सके.'