Sports Authority Of India Jobs: स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) में करीब 1100 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, ये चौंकाने वाला आंकड़ा खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने संसद में दिया है, हालांकि उन्होंने बताया कि कुछ पदों पर भर्ती शुरू की गई है. केरल के अट्टिंगल के कांग्रेस सांसद अदूर प्रकाश के सवाल का जवाब देते हुए खेल मंत्री ने लोकसभा में ये खुलासा किया. संसद की स्थायी समिति की हाल की रिपोर्ट में इस पर चिंता व्यक्त की गई थी. इस रिपोर्ट में SAI को गंभीर रूप से कम वित्तपोषित और कम कर्मचारियों वाला बताया गया था.
45 प्रतिशत पद हैं खाली
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने SAI में धन और कर्मचारियों की भारी कमी पर संसद की स्थायी समिति की चिंताओं पर ध्यान दिया है, मांडविया ने कहा, सरकार ने टिप्पणियों पर ध्यान दिया है. साइ में कुल 1,191 पद रिक्त हैं. कुछ पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने अगस्त में अपनी रिपोर्ट में बताया था कि साइ में स्वीकृत पदों में से लगभग 45 प्रतिशत पद वर्तमान में रिक्त हैं.
बनाई गई थी कमेटी
रिपोर्ट में कहा गया है, यह तथ्य कि कर्मचारियों की इस कमी को संविदा नियुक्ति से पूरा किया जा रहा है, अधिक से अधिक केवल एक तदर्थ व्यवस्था हो सकती है. इस समिति में पूर्व क्रिकेटर और आप के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह, बीजेपी सांसद संबित पात्रा और बांसुरी स्वराज भी शामिल हैं. समिति ने साइ में स्टाफ की कमी और कम फंडिंग पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. समिति ने इस साल छह जून को बैठक में खेल सचिव और साइ के प्रतिनिधियों के विचार सुने थे.
कब तक भरे जाएंगे पद?
समिति ने इन रिक्तियों को भरने के लिए भर्ती शुरू करने की सराहना की, लेकिन साथ ही खेल मंत्रालय से अगले छह महीनों में प्रक्रिया पूरी करने और कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) पेश करने को कहा. सरकार ने इस साल अपने वार्षिक बजट में युवा मामले और खेल मंत्रालय के लिए 3,794 करोड़ रुपये आवंटित किए. इसमें से 830 करोड़ रुपये साइ के लिए निर्धारित किए गए.
मंत्री ने लोकसभा में कहा, SAI को बजट आवंटन संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए उनकी तरफ से दिए प्रस्तावों पर आधारित होता है. वर्ष के दौरान किसी भी तरह की अतिरिक्त आवश्यकता की जांच संशोधित अनुमान चरण में की जाती है और जहां उपयुक्त हो पूरक अनुदान पर विचार किया जाता है. खेल मंत्री से जब एक अन्य सवाल में पूछा गया कि क्या सरकार के पास खिलाड़ियों के दर्ज यौन उत्पीड़न की शिकायतों का रिकॉर्ड है, उन्होंने कहा कि ऐसा कोई समर्पित रिकॉर्ड मौजूद नहीं है.