UGC NET 2025 परीक्षा क्यों है जरूरी? यह क्यों आयोजित की जाती है? इस साल नेट परीक्षा कब होगी

UGC NET 2025 Exam: यूजीसी नेट कोई प्रवेश परीक्षा नहीं बल्कि एक पात्रता परीक्षा है, जो भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में जूनियर रिसर्च फेलोशिप और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के साथ पीएचडी एडमिशन के लिए किया जाता है. 

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UGC NET 2025 परीक्षा क्यों है जरूरी?
नई दिल्ली:

Why is UGC NET 2025 Held: एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) हर साल यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन करता है. यह परीक्षा साल में दो बार होती है. एक बार यह परीक्षा जून में होती है और दूसरी बार दिसंबर में. इस साल जून सत्र की यूजीसी नेट परीक्षा 25 जून से शुरू होने वाली है, जो 29 जून 2025 तक चलेगी. परीक्षा प्रत्येक दिन दो सत्र में होगी. पहले सत्र की परीक्षा सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक चलेगी और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी. यह परीक्षा 85 विषयों के लिए होगी. इस परीक्षा में भाग लेने के लिए किसी व्यक्ति का न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ किसी विषय में मास्टर डिग्री का होना जरूरी है. 

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यूजीसी नेट परीक्षा पास कर कोई भी व्यक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकता है. जेआरएफ और पीएचडी एडमिशन के लिए भी नेट परीक्षा पास करना जरूरी है. हालांकि कुछ यूनिवर्सिटी में सीधे पीएचडी में भी एडमिशन मिल सकता है.  

यूजीसी नेट परीक्षा क्यों है जरूरी (Why is UGC NET exam necessary?)

यूजीसी नेट कोई प्रवेश परीक्षा नहीं बल्कि एक पात्रता परीक्षा है, जो भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ‘जूनियर रिसर्च फेलोशिप और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति', ‘असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और पीएचडी में प्रवेश' और ‘केवल पीएचडी में प्रवेश' के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती है. 

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बता दें कि 'असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और पीएचडी में प्रवेश' श्रेणी के तहत अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्र होंगे, लेकिन जेआरएफ के पुरस्कार के लिए नहीं.

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वहीं ‘केवल पीएचडी में प्रवेश' श्रेणी के तहत अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार केवल पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्र होंगे, लेकिन जेआरएफ के पुरस्कार और/या असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए नहीं.

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