How To Become IES Officers: आईएएस और आईपीएस के बारे में ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन IES को लेकर अब भी कई लोगों के मन में कंफ्यूजन रहता है. अगर आप भी नहीं जानते कि IES क्या होते हैं और कौन होते हैं तो इस आर्टिकल को पढ़ के आपको आपके सवाल का जवाब मिल जाएगा. दरअसल IES एक सेंट्रल गवर्नमेंट सर्विस होती है, जिसे देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग सेवाओं में गिना जाता है. IES का फुल फॉर्म इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज होता है. ये सर्विस पूरी तरह टेक्निकल फील्ड से जुड़ी होती है, जहां देश के बड़े प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी इंजीनियर अफसरों के हाथ में होती है.
IES अधिकारी क्या काम करते हैं
IES अधिकारी भारत सरकार के टॉप क्लास टेक्निकल अफसर माने जाते हैं. ये अफसर रेलवे, सड़क परिवहन, हाईवे, बिजली, ऊर्जा, सिंचाई, जल संसाधन और डिफेंस जैसे अहम सेक्टर संभालते हैं. देश में बनने वाली बड़ी-बड़ी सड़कें, रेलवे प्रोजेक्ट, पावर प्लांट और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में IES अधिकारियों की भूमिका बहुत अहम होती है. सीधे शब्दों में कहें तो देश के टेक्निकल सिस्टम की रीढ़ IES अफसर होते हैं.
IES कैसे बन सकते हैं
IES बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC हर साल इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जामिनेशन आयोजित करता है. ये परीक्षा सिर्फ इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए होती है. मतलब अगर किसी ने बीई या बीटेक किया है, तभी वो ये एग्जाम दे सकता है. एग्जाम को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है. इसका लेवल IAS और IPS के बराबर माना जाता है, फर्क सिर्फ इतना होता है कि IES पूरी तरह टेक्निकल फील्ड पर फोकस करता है.
IES और IAS-IPS में क्या फर्क है
IAS और IPS की परीक्षा कोई भी ग्रेजुएट दे सकता है, लेकिन IES के लिए इंजीनियरिंग डिग्री जरूरी होती है. IAS और IPS में एडमिनिस्ट्रेशन और लॉ एंड ऑर्डर पर काम होता है, जबकि IES में टेक्निकल प्लानिंग, डिजाइन और एग्जीक्यूशन की जिम्मेदारी होती है. पावर और फैसले लेने की ताकत तीनों सर्विस में मजबूत मानी जाती है, लेकिन फील्ड अलग-अलग होता है.
IES की सैलरी और सुविधाएं
IES अधिकारियों की शुरुआती सैलरी करीब 55 हजार रुपये से ज्यादा होती है. इसके साथ सरकारी बंगला, गाड़ी, ड्राइवर, स्टाफ और कई तरह की सरकारी सुविधाएं मिलती हैं. अनुभव बढ़ने के साथ सैलरी और पोस्ट दोनों में इजाफा होता है. देश के विकास से जुड़े बड़े फैसलों में IES अधिकारियों की सीधी भागीदारी होती है, इसलिए ये जॉब सम्मान और जिम्मेदारी दोनों के लिए जानी जाती है.