UP RO ARO Exam: यूपी के सभी 75 जिलों में खत्म हुई RO/ARO की परीक्षा, जानें कब जारी होगी आंसर-की

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा खत्म हो गई है.

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नई दिल्ली:

UP RO ARO Exam: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा-2023 रविवार को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एक पाली में सकुशल संपन्न हो गई.  उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने इस बाबत जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में 10,76,004 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 4,54,997 (42.29 प्रतिशत) शामिल हुए. प्रदेश भर में 2382 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिनमें कानपुर में सर्वाधिक 139, लखनऊ में 129, प्रयागराज में 106 और वाराणसी में 82 केंद्र शामिल थे. एग्जाम खत्म होने के बाद अब आंसर-की जारी होने का इंतजार किया जा रहा है. हालांकि आंसर-की जारी होने की तारीख तो नहीं बताई गई है, लेकिन एक दो दिनों में आंसर-की जारी होने की उम्मीद है. 

कड़ी सुरक्षा में हुई परीक्षा

अयोध्या में सर्वाधिक 52.81 प्रतिशत, जबकि रामपुर में सबसे कम 25.78 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है. वहीं प्रयागराज में 47.61 प्रतिशत, लखनऊ में 48.89 प्रतिशत, कानपुर में 44.37 प्रतिशत, वाराणसी में 49.19 प्रतिशत अभ्यर्थियों की उपस्थिति रही.  सरकार और आयोग द्वारा किए गए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजामों, जिसमें एआई आधारित अलर्ट सिस्टम, सीसीटीवी स्ट्रीमिंग, बायोमेट्रिक सत्यापन और एसटीएफ की कड़ी निगरानी शामिल थी, ने परीक्षा को पूरी तरह नकलमुक्त और पारदर्शी बनाया. प्रदेश में कहीं से भी किसी प्रकार की अनियमितता सामने नहीं आई, जिससे प्रदेश की परीक्षा प्रणाली की साख और मजबूत हुई. परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए योगी सरकार ने नकल माफिया और पुराने आरोपियों पर पैनी नजर रखी.

व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर नजर

एसटीएफ को संवेदनशील केंद्रों की विशेष निगरानी का जिम्मा सौंपा गया था, जो पूरे दिन सक्रिय रही. पूर्व में परीक्षा अपराधों में लिप्त गैंग और जमानत पर रिहा आरोपियों की गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी गई. कोचिंग सेंटरों की संदिग्ध गतिविधियों पर समर्पित टीमें तैनात रहीं, जो किसी भी असामान्य हरकत की तुरंत जानकारी संबंधित एजेंसियों को देती रहीं. सोशल मीडिया पर अफवाहों और लीक की संभावनाओं को रोकने के लिए विशेष मॉनिटरिंग सेल ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखी. इन उपायों से नकल माफिया की कमर तोड़ने में सफलता मिली और परीक्षा पूरी तरह निष्पक्ष रही.

परीक्षा की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रश्नपत्रों की तैयारी और वितरण में कड़े प्रबंध किए गए। दो अलग-अलग मुद्रकों से तैयार किए गए दो सेट प्रश्नपत्रों का चयन परीक्षा शुरू होने से 45 मिनट पहले कंप्यूटर आधारित रैंडमाइजेशन से किया गया। सभी प्रश्नपत्र आठ मल्टीपल जंबल्ड सीरीज में थे, जिन पर यूनिक और वेरिएबल बारकोड अंकित थे। इन्हें त्रिस्तरीय लॉक वाले गोपनीय ट्रंक बॉक्स में पांच स्तरीय टेम्पर्ड प्रूफ पैकिंग के साथ रखा गया था। ट्रेजरी से निकासी से लेकर उत्तर पुस्तिकाओं के डिस्पैच तक की प्रक्रिया में सशस्त्र गार्ड और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी अनिवार्य रही.

आईएएनएस इनपुट 

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