विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों एवं उनसे संबद्ध कॉलेजों/संस्थानों से स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने वाले ‘विद्यांजलि कार्यक्रम' के बारे में छात्रों एवं कर्मचारियों को जानकारी देने को कहा है ताकि वे इस अभियान से जुड़ सकें. यूजीसी के सचिव पी के ठाकुर ने देश के सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों/संस्थाओं को 12 अक्टूबर को पत्र लिखकर यह आग्रह किया. पत्र में कहा गया है कि शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पिछले वर्ष ‘विद्यांजलि' ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया था. विद्यांजलि एक अनोखा ‘स्कूल स्वयंसेवा प्रबंधन कार्यक्रम' है जो समुदायों एवं संगठनों को देश के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में स्कूलों से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है.
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ठाकुर ने लिखा कि विद्यांजलि की संकल्पना राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप की गई है जो देश में शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिये स्वयंसेवा एवं सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देती है. इसका मकसद स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी से सरकार एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाना है.
यूजीसी के सचिव ने कहा कि कोई भी स्वयंसेवक विद्यांजलि पोर्टल के माध्यम से सेवा, परिसम्पत्ति, सामग्री या उपकरण आदि प्रदान कर सकता है.
उन्होंने बताया कि इसके तहत सेवा खंड में स्वयंसेवक विषयों में मदद कर सकते हैं, तकनीकी कला एवं शिल्प, योग एवं खेल, व्यवसायिक कौशल, भाषा, विशेष जरूरत वाले बच्चों को शिक्षा सहायता, मध्याह्न भोजन में पोषण सहायता में योगदान दे सकते हैं.
विद्यांजलि अभियान के तहत कोई भी स्वयंसेवक प्रशिक्षित परामर्शकों, विशेष शिक्षकों, डॉक्टरों के चिकित्सा शिविर, सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों में हिस्सेदारी आदि को प्रायोजित कर सकते हैं. इसके अलावा सामान, उपकरण आदि के रूप में भी योगदान दे सकते हैं.
यूजीसी के सचिव ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों को लिखे पत्र में सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों एवं उनसे संबद्ध कॉलेजों/संस्थानों से स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने वाले ‘विद्यांजलि कार्यक्रम' के बारे में छात्रों एवं कर्मचारियों में जानकारी देने का आग्रह किया है ताकि वे इस अभियान से जुड़ सकें.
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