Suicide In IITs: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में एडमिशन की होड़ हर साल लगती है. देश के तमाम आईआईटी में हर साल कुछ ही सीटों पर एडमिशन मांगे जाते हैं और इसके लिए आवेदन करने वालों की संख्या लाखों में होती है. इसकी वजह भी साफ है, आईआईटी देश के उन संस्थानों में से हैं, जहां सबसे अच्छी पढ़ाई होती है और यहां से निकलने के बाद लाखों के पैकेज ऑफर होते हैं. हालांकि इन्हीं आईआईटी से एक ऐसा आंकड़ा सामने आया है, जो छात्रों पर पड़ने वाले दबाव की तरफ इशारा कर रहा है. बताया गया है कि पिछले पांच साल में देशभर के अलग-अलग आईआईटी में 65 छात्रों ने सुसाइड किया है.
इस आईआईटी में आए सबसे ज्यादा केस
ये आंकड़े जनवरी 2021 से लेकर दिसंबर 2025 तक के हैं. आईआईटी जैसे संस्थानों से ऐसे मामले सामने आना एक बड़ी और चौंकाने वाली बात है. इस मामले में सबसे ऊपर आईआईटी खड़गपुर है, जहां पिछले पांच साल में 11 सुसाइड के मामले दर्ज किए गए. इसके बाद आईआईटी मद्रास में 9, दिल्ली में 8, कानपुर में 7 बीएचयू में 5, गुवाहाटी में 5 और बाकी आईआईटी में 20 सुसाइड के मामले सामने आए. बता दें कि भारत में कुल आईआईटी की संख्या फिलहाल 23 है.
भारत नहीं, इस देश में सबसे कम उम्र तक जीते हैं लोग- जान लीजिए नाम
भारत में कितने छात्र करते हैं सुसाइड?
भारत में छात्रों का खुदकुशी जैसा गलत कदम उठाना काफी चिंता का विषय बना हुआ है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी NCRB के आंकड़े काफी हैरान करने वाले हैं. इसमें बताया गया है कि देश के कुल सुसाइड के मामलों में छात्रों की हिस्सेदारी 7.6% है. 2022 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में करीब 13,000 छात्र हर साल सुसाइड कर लेते हैं. इसमें बाकी छात्रों के साथ होने वाले कॉम्पिटिशन और समाजिक तनाव को कारण बताया जाता है. पढ़ाई के दौरान कुछ छात्र काफी ज्यादा दबाव महसूस करते हैं, वक्त से साथ ये बढ़ता जाता है और फिर वो आखिर में इस तरह के कदम उठाते हैं. यही वजह है कि छात्रों को पढ़ाई के अलावा मेंटल हेल्थ को लेकर भी जागरुक किया जा रहा है.