NEET UG Counselling 2025: काउंसलिंग के बाद कैसे मिलेगी MBBS-BDS सीट, ये है एडमिशन का पूरा प्रोसेस

MBBS और BDS की सीटें नीट यूजी (नीट अंडरग्रेजुएट) की परीक्षा के माध्यम से मिलती हैं. इस परीक्षा में पास होने के बाद, उम्मीदवारों को काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से सीटें आवंटित की जाती हैं.

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नई दिल्ली:

How To Get MBBS BDS Seat: नीट यूजी की परीक्षा के बाद स्टूडेंट्स अपने-अपने पसंद के कोर्स में एडमिशन लेने के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया से गुजरते हैं. एमबीबीएस और बीडीएस की सीटें नीट यूजी (नीट अंडरग्रेजुएट) की परीक्षा के माध्यम से मिलती हैं. इस परीक्षा में पास होने के बाद, उम्मीदवारों को काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से सीटें आवंटित की जाती हैं. इसके कुछ स्टेप्स होते हैं जिससे आपको गुजरना होता है.

काउंसलिंग प्रक्रिया: उम्मीदवारों को काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेना होता है, जिसमें उन्हें अपनी पसंद के कॉलेज और कोर्स का चयन करना होता है.

सीट आवंटन: काउंसलिंग प्रक्रिया के बाद, उम्मीदवारों को सीटें आवंटित की जाती हैं.
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन: सीट आवंटन के बाद, उम्मीदवारों को अपने डॉक्यूमेंट्स की वेरिफिकेशन कराना होता है.
एडमिशन: डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद, उम्मीदवारों को कॉलेज में एडमिशन दिया जाता है.

अच्छे मार्क्स की होती है जरूरत

हर साल लाखों स्टूडेंट्स नीट यूजी की परीक्षा में शामिल होते हैं, जिसके जरिए वे मेडिकल कोर्सेस में एडमिशन ले  पाते हैं. हालांकि कोर्स मिलना आपके नंबर पर भी निर्भर करता है. क्योंकि एमबीबीएस के लिए अच्छे मार्क्स होने चाहिए, साथ ही कॉलेज के लिए भी आपके मार्क्स अच्छे होने चाहिए.

अगर बात क्वालिफाइंग मार्क्स की करें तो कैटगरी वाइज भी ये भी अलग होता है. जनरल कैटगरी के लिए उम्मीदवारों को 720 में से 138 नंबर लाने होते हैं, वहीं आरक्षित श्रेणियों (ओबीसी, एससी, एसटी) के उम्मीदवारों को 137-108 नबंर होते हैं. वहीं सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए, सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को 620 से अधिक, ओबीसी को 575 से अधिक और एससी/एसटी को 480 से ज्यादा मार्क्स लाने होते हैं.

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