- हर साल 13 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय लेफ्ट-हैंडर्स डे मनाया जाता है
- उल्टे हाथ से काम करने वालों का राइट ब्रेन सक्रिय रहता है
- लेफ्ट ब्रेन एनालिटिकल कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है जबकि राइट ब्रेन क्रिएटिविटी और इमोशंस से जुड़ा होता है
हर साल 13 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय लेफ्ट-हैंडर्स डे मनाया जाता है. यह दिन बाएं हाथ से काम करने की चुनौतियों और उनकी खासियतों को दर्शाने और दाएं हाथ से काम करने वाले लोगों के बीच इसकी जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. पहली बार 1992 में लेफ्ट-हैंडर्स क्लब ने लेफ्ट-हैंडर्स डे मनाया था. यह एक ब्रिटिश संगठन है, जिसका उद्देश्य बाएं हाथ से काम करने के बारे में जागरूकता और समझ को बढ़ावा देना है.
हालांकि, हम यहां आपको ये बताने वाले हैं कि क्या सच में उल्टे हाथ से काम करने वाले लोगों का दिमाग कंप्यूटर की तरह चलता है या फिर नहीं? साथ ही सीधे हाथ से काम करने वाले लोगों से किस तरह से उल्टे हाथ से काम करने वाले लोग अलग होते हैं इस बारे में भी हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताने वाले हैं.
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि सीधे हाथ से काम करने वालों का लेफ्ट ब्रेन ज्यादा एक्टिव होता है और उल्टे हाथ से काम करने वाले लोगों का राइट ब्रेन ज्यादा एक्टिव होता है. दिमाग की दोनों ही साइड के अलग-अलग काम होते हैं और इस वजह से भी सीधे हाथ से काम करने वाले और उल्टे हाथ से काम करने वाले लोग एक दूसरे से काफी अलग होते हैं.
लेफ्ट या राइट कौन सा ब्रेन होता है ज्यादा क्रिएटिव?
डॉक्टर अजय ने बताया कि ज्यादातर लोगों में लेफ्ट ब्रेन का डोमिनेंट होना कॉमन बात है. लेफ्ट ब्रेन एनालिटिकल फंक्शन के लिए जिम्मेदार होता है. जैसे लिखना, पढ़ना, समझना, बोलना, वर्ड को सेलेक्ट करना अच्छी लैंग्वेज बोलना. ये सारे लेफ्ट ब्रेन के फंक्शन होते हैं लेकिन राइट ब्रेन भी कम नहीं होता है, यह क्रिएटिविटी और इमोशन से जुड़े फंक्शन के लिए जिम्मेदार होता है. दोनों ब्रेन की अपनी विशेषताएं होती है. जैसे कि ड्रेसिंग सेंस, राइट ब्रेन का काम है.
उल्टे हाथ वालों के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
- दुनिया की लगभग 10% आबादी बाएं हाथ से काम करने वाली है
- बाएं हाथ के लोगों में रचनात्मकता और कलात्मकता की संभावना ज़्यादा होती है
- बाएं हाथ के लोगों को टेनिस और मुक्केबाज़ी जैसे कुछ खेलों में फ़ायदा हो सकता है
तो क्या सच में कंप्यूटर की तरह चलता है उल्टे हाथ से काम करने वाले लोगों का दिमाग?
भले ही कई बार कंप्यूटर और इंसानी दिमाग का कंपैरिजन किया जाता है लेकिन सच ये है कि इनका आपस में कोई मुकाबला नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि इंसान का दिमाग एक कंप्यूटर से ज्यादा कॉम्पलैक्स होता है और आजतक भी इसे पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है.
हालांकि, कई रिसर्च का ऐसा दावा है कि सीधे हाथ से काम करने वाले लोग और उल्टे हाथ से काम करने वाले लोगों के दिमाग अलग तरीके से चलते हैं. जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया है कि सीधे हाथ से काम करने वाले लोगों का लेफ्ट साइड ब्रेन ज्यादा काम करता है और उल्टे हाथ से काम करने वाले लोगों का राइड साइड ब्रेन ज्यादा एक्टिव होता है. यही कारण है कि दोनों के काम करने के तरीके या फिर चीजों को समझने के पैटर्न काफी अलग होते हैं.