Hindi Diwas 2025: हिंदी साहित्य में है रुचि तो ये 10 किताबें आपको जरूर आएंगी पसंद

Hindi Diwas:भारत में हिंदी के कई बड़े-बड़ी साहित्यकार हुए जिन्हें हिंदी भाषा में अपने योग्यदान के लिए याद किया जाता है. अगर आप भी हिंदी पढ़ने के शौकीन है, तो आपके लिए कई अच्छी किताबों के ऑप्शन है, जो अपनी कहानी, कविता और नाटक के लिए प्रसिद्ध है.

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नई दिल्ली:

Hindi Diwas Poems: हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. ये दिन हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. पहली बार 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया था. हिंदी केवल भाषा ही बल्कि भारतीयों के लिए ये एक इमोशन है. भारत में हिंदी के कई बड़े-बड़ी साहित्यकार हुए जिन्हें हिंदी भाषा में अपने योग्यदान के लिए याद किया जाता है. उनकी कविताएं हो या कहानियां खूब पढ़ी जाती है, उनकी किताबें केवल भारत में ही नहीं दुनिया भर में फेसम है. अगर आप भी हिंदी पढ़ने के शौकीन है, तो आपके लिए कई अच्छी किताबों के ऑप्शन है, जो अपनी कहानी, कविता और नाटक के लिए प्रसिद्ध है. 

उपन्यास

गोदान- प्रेमचंद
मैला आंचल- फणीश्वरनाथ रेणु
शेखर एक जीवनी: अज्ञेय
तमस भीष्म साहनी
चित्रलेखा- भगवतीचरण वर्मा
राग दरबारी: श्रीलाल शुक्ल
एक चिथड़ा सुख- निर्मल वर्मा
सारा आकाश: राजेंद्र यादव
कलिकथा वाया बाईपास- अलका सरावगी
रेत समाधि- गीतांजलि श्री

कविता पुस्तकें

कामायनी- जयशंकर प्रसाद
राग-विराग- निराला
यामा- महादेवी वर्मा
संसद से सड़क तक: धूमिल
रश्मिरथी: रामधारी सिंह दिनकर
साये में धूप: दुष्यंत कुमार
हंसो-हंसो जल्दी हंसो: रघुवीर सहाय
मगध: श्रीकांत वर्मा
पहाड़ पर लालटेन: मंगलेश डबराल
सबकी आवाज़ के पर्दे में: विष्णु खरे

नाटक

चंद्रगुप्त: जयशंकर प्रसाद
ध्रुवस्वामिनी: जयशंकर प्रसाद
आषाढ़ का एक दिन- मोहन राकेश
आधे-अधूरे: मोहन राकेश
अंधा युग: धर्मवीर भारती
यहूदी की लड़की: आगा हश्र कश्मीरी
कबीरा खड़ा बाज़ार में: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
एक था गदहा उर्फ अलादाद खां: शरद जोशी
एक और द्रोणाचार्य: शंकर शेष
जित लाहौर नई वेख्या: असगर वजाहत

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