कौन हैं अरोनियन? जिन्होंने जीता फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम खिताब, सातवें स्थान पर प्रज्ञानानंद

Freestyle Chess Grand Slam: 42 वर्षीय अरोनियन ने पिछले सप्ताह मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा को शिकस्त दी थी। लास वेगास के विंन होटल में फाइनल की पहली बाजी ड्रॉ रही, लेकिन दूसरी बाजी में शानदार जीत दर्ज करते हुए उन्होंने खिताब और दो लाख अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि अपने नाम की.

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नई दिल्ली:

Freestyle Chess Grand Slam title Winner: लेवोन अरोनियन ने फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम के फाइनल में हांस नीमन को 1.5-0.5 से हराकर खिताब अपने नाम किया. 42 वर्षीय अरोनियन ने पिछले सप्ताह मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा को शिकस्त दी थी। लास वेगास के विंन होटल में फाइनल की पहली बाजी ड्रॉ रही, लेकिन दूसरी बाजी में शानदार जीत दर्ज करते हुए उन्होंने खिताब और दो लाख अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि अपने नाम की. दुनिया के नंबर 1 मैग्नस कार्लसन ने हिकारू नाकामुरा को 1.5-0.5 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। उन्हें 1,60,000 अमेरिकी डॉलर की इनामी राशि मिली. भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी ने फाबियानो कारुआना को 2-0 से हराकर पांचवां स्थान प्राप्त किया, जबकि प्रज्ञानानंद रमेशबाबू ने वेसली सो को 1.5-0.5 से हराकर सातवां स्थान हासिल किया.

लेवोन अरोनियन ने खिताब जीतने के बाद कहा, "यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी जीत में से एक है.  मैं इस अवसर के लिए बेहद खुश और आभारी हूं. "हांस नीमन अपने करियर की सबसे बड़ी जीत के करीब पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें उपविजेता रहते हुए 1,40,000 अमेरिकी डॉलर के साथ संतोष करना पड़ा.

वर्ल्ड नंबर 1 कार्लसन ने हिकारू नाकामुरा को 1.5-5 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया. पहले गेम में बराबरी के बाद, कार्लसन ने दूसरे गेम में दबाव बनाया और बढ़त को भुनाते हुए तीसरा स्थान हासिल किया.

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प्रज्ञानानंद सांतवे स्थान पर रहे

फ्रीस्टाइल शतरंज की रिपोर्ट के अनुसार, लास वेगास में खिताबी मुकाबले से चूकने के बावजूद, इस नतीजे के साथ कार्लसन ग्रैंड स्लैम टूर की ओवरऑल स्टैंडिंग में शीर्ष पर बने हुए हैं. फाबियानो कारुआना पिछले दिन की तुलना में अधिक उत्साह से भरे नजर आ रहे थे.  उन्होंने भारत के अर्जुन एरिगैसी को दो बार हराया और टूर्नामेंट में पांचवां स्थान हासिल किया.

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प्रज्ञानानंद ने वेसली सो के खिलाफ दो गेम की जीत के साथ टूर्नामेंट में सातवां स्थान हासिल किया. उनकी निर्णायक जीत दूसरी बाजी में आई. भले ही प्रज्ञानानंद ने साल की शुरुआत में तीन टूर्नामेंट जीतकर शानदार खेल दिखाया, लेकिन इस टूर्नामेंट में अपनी फाइनल पोजिशन (सातवां स्थान) से वह पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे.

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