सीयूईटी-यूजी: विद्यार्थी किसी भी विषय की दे सकते हैं परीक्षा, भले ही 12वीं में वो विषय न पढ़ा हो

परीक्षा के 2025 के संस्करण में किये गये बदलावों की व्याख्या करते हुए कुमार ने कहा कि विद्यार्थी अब छह के बजाय अधिकतम पांच विषयों में सीयूईटी -यूजी दे पायेंगे.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा है कि 2025 से (विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा - स्नातक) सीयूईटी-यूजी केवल कंप्यूटर आधारित परीक्षा के तौर पर आयोजित की जाएगी और विद्यार्थी किसी भी विषय में सीयूईटी-यूजी परीक्षा देने की इजाजत होगी, भले ही उन्होंने 12वीं में उस विषय की पढ़ाई न की हो.

जगदीश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा' के साथ बातचीत के दौरान कहा कि आयोग द्वारा गठित की गयी विशेषज्ञों की एक समिति ने इस परीक्षा की समीक्षा की तथा कई बदलावों का प्रस्ताव दिया.

जगदीश कुमार कुमार ने कहा, ‘‘पिछले साल के ‘हाइब्रिड मोड' (कंप्यूटर आधारित एवं उत्तर पुस्तिका वाली व्यवस्था) के विपरीत 2025 से माध्यम सीबीटी (कंप्यूटर आधारित परीक्षा) ही होगा. हमने विषयों की संख्या भी 63 से घटाकर 37 कर दी है तथा हटा दिये गये विषयों के लिए प्रवेश सामान्य योग्यता परीक्षण में मिले अंक के आधार पर दिये जायेंगे.''

उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिभागियों को सीयूईटी-यूजी में उन विषयों को चुनने की भी अनुमति दी जाएगी, जिसकी पढ़ाई उन्होंने 12वीं कक्षा में नहीं की, ताकि विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में कठोर विषयात्मक सीमाओं को पार करने का अवसर मिल सके.''

परीक्षा के 2025 के संस्करण में किये गये बदलावों की व्याख्या करते हुए कुमार ने कहा कि विद्यार्थी अब छह के बजाय अधिकतम पांच विषयों में सीयूईटी -यूजी दे पायेंगे.

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ इसी तरह, परीक्षा की अवधि, जो विषयों के हिसाब से 45 मिनट से 60 मिनट तक होती थी, अब 60 मिनट के रूप में मानकीकृत कर दी गई है. परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्नों की अवधारणा भी समाप्त कर दी गयी है और अब सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे.''

Advertisement
Featured Video Of The Day
Syed Suhail |Bharat Ki Baat Batata Hoon: Putin India Visit से किसे लगी मिर्ची? India Russia Relation