स्पेस में टॉयलेट कैसे करते हैं एस्ट्रोनॉट्स? कई साल पहले होता था कंडोम का इस्तेमाल

Space Toilet System: स्पेस में ग्रेविटी न होने से टॉयलेट कर पाना एस्ट्रोनॉट्स के लिए आसान नहीं होता है. पहले इसके लिए एस्ट्रोनॉट्स कंडोम जैसी डिवाइस का यूज करते थे लेकिन अब सिस्टम हाईटेक हो गया है.

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Space Toilet System: क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स कैसे टॉयलेट करते हैं. लेकिन स्पेस में गुरुत्वाकर्षण (Gravity) की कमी के कारण यह बेहद मुश्किल (International space station toilet technology) हो जाता है. स्पेस मिशन पर जब भी कोई एस्ट्रोनॉट जाता है तो अक्सर हाईटेक सूट्स, तैरते हुए एस्ट्रोनॉट्स और रोमांचक मिशनों की ही बातें होती हैं, लेकिन बहुत से लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि स्पेस में डेली रुटीन (Astronaut daily life bathroom habits) कैसे चलता है और टॉयलेट कहां-कैसे (How astronauts use the toilet in zero gravity) जाते हैं. आइए जानते हैं इसका जवाब...

स्पेस में टॉयलेट करना क्यों मुश्किल है (Toilet in Space)

अंतरिक्ष में सबसे बड़ी समस्या माइक्रोग्रैविटी (Microgravity) है. गुरुत्वाकर्षण न होने की वजह से कोई भी लिक्विड या सॉलिड चीज नीचे नहीं गिरती है. यूरिन और स्ट्रूल हवा में तैर सकते हैं, जिससे सेहत और सफाई की समस्या हो सकती है. इसलिए अंतरिक्ष में टॉयलेटिंग के लिए खास उपकरण और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है.

अंतरिक्ष में कंडोम का यूज क्यों होता है (Why Condoms Used in Space)

NASA के पूर्व एस्ट्रोनॉट Rusty Schweickart के अनुसार, पहले अंतरिक्ष में पेशाब करने के लिए कंडोम जैसी डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता था. यह डिवाइस पिनस पर चढ़ाई जाती थी और ट्यूब के जरिए यूरिन को स्टोर करने वाले सिस्टम से जोड़ा जाता था. माइक्रोग्रैविटी में यह सिस्टम यूरिन को इधर-उधर तैरने से रोकती थी. शुरुआती सिस्टम सभी पुरुष एस्ट्रोनॉट्स को फिट नहीं आता था और कई बार लीक होने की समस्या होती थी. नासा ने इसे सुधारने के लिए तीन साइज बनाए छोटा, मीडियम और बड़ा, जिन्हें बाद में लार्ज, एक्स्ट्रा लार्ज और हीरो नाम दिया गया, ताकि किसी को शर्मिंदगी महसूस न हो.

अब एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में कैसे टॉयलेट करते हैं (How Astronauts Use Toilet in Space)

मॉर्डन स्पेस टॉयलेट हाई-टेक और सुविधाजनक हो गए हैं. आज के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में एस्ट्रोनॉट्स के लिए हाईटेक वैक्यूम टॉयलेट उपलब्ध हैं, जिनमें वैक्यूम सिस्टम हैं, जो स्टूल और यूरिन को अलग-अलग टैंक में ले जाता है. सीट बेल्ट की भी सुविधा है, जिसकी मदद से एस्ट्रोनॉट्स सुरक्षित रूप से बैठ या खड़े होकर टॉयलेट कर सकते हैं. इसके अलावा रीसाइक्लिंग भी होती है. यूरिन को पानी में बदलकर पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. शॉर्ट मिशनों के लिए अभी भी पोर्टेबल बैग्स का इस्तेमाल होता है. यूनिसेक्स सूट्स भी आ गए हैं, जो पुरुष और महिला दोनों एस्ट्रोनॉट्स के लिए अलग-अलग हैं.

सुनीता विलियम्स ने दिखाया था पूरा सिस्टम (Sunita Williams in Space)

सुनीता विलियम्स ने अपने एक मिसन पर टॉयलेट सिस्टम को दिखाया था. उन्होंने बताया था कि लिक्विड और सॉलिड वेस्ट के लिए अलग-अलग पाइप और टैंक होते हैं. यह सिस्टम स्पेस को साफ और एस्ट्रोनॉट्स को रिलैक्स रखता है.

क्या एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में नहाते हैं (Astronauts Take Bath in Space)

स्पेस में पीने का पानी और शॉवर नहीं है. वहां पानी पाउच में बंद होता है, जिसे नली की मदद से पीते हैं. हवा में तैरते पानी को पीना भी एस्ट्रोनॉट्स ने दिखाया है. शॉवर की बजाय गीले कपड़े और स्पेशल लिक्विड से शरीर को साफ किया जाता है.

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