भारत में एक बार फिर कई सालों बाद कॉमनवेल्थ गेम्स होने जा रहे हैं. करीब 20 साल बाद भारत कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करने जा रहा है. इससे पहले साल 2010 में भारत ने इन राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी. साल 2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन भारत के अहमदाबाद में हो सकता है. भारत के लिए ये एक बड़ी खबर है और तमाम सेक्टर्स के लिए भी एक खुशखबरी है. इस बड़े आयोजन की मेजबानी करने से भारत में लाखों नौकरियां पैदा हो सकती हैं. आइए जानते हैं कि पिछली बार जब कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन हुआ था, तब कितने लोगों को इसका फायदा पहुंचा.
भारत में होंगे कॉमनवेल्थ गेम्स
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स एग्जिक्यूटिव बोर्ड ने सिफारिश की है कि 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी भारत के अहमदाबाद में की जाए. इस प्रस्ताव को सभी देशों के सामने रखा जाएगा और 26 नवंबर को इस पर अंतिम मुहर लगेगी. हालांकि ज्यादातर मामलों में बोर्ड की सिफारिश को ही स्वीकार कर लिया जाता है. ऐसे में कॉमनवेल्थ गेम्स भारत में होना लगभग तय हो चुका है.
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कितनी नौकरियां पैदा होने की उम्मीद?
अब अगर 2030 में भारत कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करता है तो इससे लाखों नौकरियां पैदा होंगीं. इसका अंदाजा पिछले यानी 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स से लगाया जा सकता है. एसोचैम (Assocham) की एक रिपोर्ट में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान करीब 2.5 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होने की उम्मीद जताई गई थी. कुछ और रिपोर्ट्स में ये आंकड़ा और भी ज्यादा बताया गया था. यही वजह है कि अब 2030 में होने वाले गेम्स को लेकर भी ऐसी ही उम्मीदें हैं, इस बार नौकरियों का ये आंकड़ा और ज्यादा बढ़ सकता है.
किन सेक्टर्स में नौकरियों के आसार
जब भी देश में ऐसा कोई बड़ा इवेंट होता है तो इसमें तमाम सेक्टर्स शामिल होते हैं. विमानन, हॉस्पिटैलिटी, सिविल इंजीनियरिंग, ईको टूरिज्म, हेल्थ और ऐसे ही तमाम सेक्टर्स में कॉमनवेल्थ गेम्स लाखों नौकरियां पैदा कर सकता है. साल 2010 में भी ऐसा ही देखा गया. इसके अलावा सफाईकर्मियों से लेकर बाकी तमाम तरह के कामों के लिए भी लोगों की जरूरत होती है. देश की इकनॉमी को भी इस तरह के वैश्विक आयोजन से बड़ा बूस्ट मिलता है.