Delhi Government's New Policy: क्लास 5 से 8वीं के बच्चों को अब नहीं किया जाएगा प्रमोट, खुद ही पास करना होगा एग्जाम

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'नो डिटेंशन पॉलिसी', बहुत प्रगतिशील है, लेकिन तैयारी के अभाव में शिक्षा प्रणाली इसका पूरा फायदा नहीं उठा सकी.

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नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार की नई प्रमोशन पॉलिसी में कहा गया है कि यदि कक्षा 5 और 8 के छात्र वार्षिक परीक्षाओं को पास करने में विफल रहते हैं तो अब उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा, इसके पहले के 'नो डिटेंशन' नियम को हटा दिया गया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने कहा कि 'नो डिटेंशन पॉलिसी' बहुत प्रगतिशील है लेकिन तैयारी की कमी के कारण शिक्षा प्रणाली इसका पूरा फायदा नहीं उठा सकी. उन्होंने कहा कि नए दिशानिर्देशों के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य कक्षा 10 और 12 की तरह प्राथमिक ग्रेड में "समान गंभीरता" लाना है. 2009 में, शिक्षा का अधिकार अधिनियम ने 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' पेश की थी, जिसके तहत छात्रों को आठवीं कक्षा में प्रमोट करनी पड़ी.

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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सतत और व्यापक मूल्यांकन शुरू किया गया था, लेकिन सुचारु ढंग से न चल पाने के कारण 2017 में इसे रद्द कर दिया गया था. संसद द्वारा अधिनियम में संशोधन के बाद, 2019 में, दिल्ली सरकार ने नो-डिटेंशन पॉलिसी को हटाने के लिए एक समिति के गठन को मंजूरी दी थी.

स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) के नए मूल्यांकन दिशानिर्देशों में कहा गया है, "अगर कोई बच्चा कक्षा 5 या 8 पास करने में असमर्थ है, तो उसे दोबारा परीक्षा के माध्यम से दो महीने के भीतर प्रदर्शन में सुधार करने का एक और मौका मिलेगा." सत्र के अंत में "पास" घोषित होने के लिए, एक छात्र को दिशानिर्देशों के अनुसार प्रत्येक विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे. पदोन्नति भी इस शर्त के अधीन है कि मिड एग्जाम और वार्षिक परीक्षाओं में न्यूनतम 25 प्रतिशत अंक प्राप्त किए जाने चाहिए.

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इसने आगे कहा कि पुन: परीक्षा में "उत्तीर्ण" घोषित होने के लिए, छात्र को विषय में कम से कम 25 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे, और यदि नहीं, तो उसे "एसेंशियल रिपीट" में रखा जाएगा. जिसका अर्थ है कि उम्मीदवार को अगले सत्र के लिए उसी कक्षा में वापस रखा जाएगा.

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शिक्षा निदेशालय द्वारा शुक्रवार को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कक्षा 5 और 8 के छात्रों का मूल्यांकन मध्यावधि और वार्षिक परीक्षाओं के अलावा उनकी को-करीकुलर एक्टिविटी पर भी किया जाएगा. को-करीकुलर एक्टिविटी में प्रोजेक्ट-आधारित गतिविधियां, पोर्टफोलियो, कक्षा में भागीदारी, थिएटर, नृत्य, संगीत, खेल और कक्षा में उपस्थिति जैसी गतिविधियों में भागीदारी शामिल हैं.

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शैक्षणिक सत्र 2023-24 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के भीतर सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर निगम, दिल्ली छावनी बोर्ड और मान्यता प्राप्त गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में दिशानिर्देश लागू किए जाएंगे.

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