World Photography Day 2021: फोटोग्राफी और कैमरे का इतिहास

चाहे हम पेशेवर फोटोग्राफर हों या नहीं. विश्व फोटोग्राफी दिवस उन लोगों को एक साथ लाता है जो फोटोग्राफी के लिए जुनून रखते हैं और दुनिया भर में इस कला के बारे में जागरूकता भी फैलाते हैं.

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2021 World Photography Day: किसी भी वस्तु की पहली स्थायी तस्वीर 1826 में ली गई थी.

जैसे-जैसे जीवन आगे बढ़ रहा है, कई पल हमारे कैमरों में कैद होते जाते हैं और सदाबहार रहते हैं.  विश्व फोटोग्राफी दिवस, जो हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है, कैमरों और फोटोग्राफी के जादू का जश्न मनाने का दिन है. 21वीं सदी में, कैमरा हमारे दैनिक जीवन में एक बहुत ही उपयोगी और मजेदार उपकरण बन गया है, चाहे हम पेशेवर फोटोग्राफर हों या नहीं. विश्व फोटोग्राफी दिवस उन लोगों को एक साथ लाता है जो फोटोग्राफी के लिए जुनून रखते हैं और दुनिया भर में इस कला के बारे में जागरूकता भी फैलाते हैं.

फोटोग्राफी का इतिहास
किसी वस्तु की पहली स्थायी तस्वीर 1826 में फ्रांसीसी जोसेफ नाइसफोर निपस ने ली थी. हालांकि, यह आज की दुनिया के कैमरा मैकेनिज्म से काफी अलग थी. मिस्टर निपस ने एक पोर्टेबल कैमरा ऑब्स्कुरा का इस्तेमाल किया, जिसने उनकी पहली तस्वीर लेने के लिए हेलियोग्राफी का इस्तेमाल किया, जिसका नाम था, "व्यू फ्रॉम द विंडो एट ले ग्रास"

1837 में, मिस्टर निपस ने लुइस डॉगेर के साथ मिलकर देग्युरोटाइप कैमरा बनाया. बाद में, यह कैमरा विकास और फोटोग्राफिक उपचार की नींव बन गया.

कैमरे का इतिहास
देग्युरोटाइप से पहले, 11वीं शताब्दी का इराकी आविष्कार था, जिसे कैमरा ऑब्स्कुरा कहा जाता था, जो एक पिन-होल कैमरा था. लेकिन इसने केवल एक फोटो ली. 

1880 के दशक में, कोडक ने बाजार में अपना पहला कस्‍टमर बेस्‍ट कैमरा लॉन्च किया. 1940 के दशक के अंत तक कैमरा फिल्में सस्ती हो गईं. तब तक विश्व युद्ध शुरू हो चुके थे और हमने मानवता को देखने के तरीके को एक नया आकार दिया था. कैमरा युद्ध की गंभीर वास्तविकताओं को दिखाने का एक साधन बन गया. धीरे-धीरे फोटोजर्नलिज्म बढ़ने लगा और जल्द ही कैमरा संचार का एक साधन बन गया.

1960 के दशक के मध्य में पोलेरॉइड इंस्टेंट इमेज सिस्टम का उदय हुआ. फिर एसएलआर आया और फिर, डीएसएलआर के साथ डिजिटल क्रांति आई. स्मार्ट कैमरों, कैमकोर्डर ने आज के फोन कैमरों और लैपटॉप कैमरों को दिशा दी.

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19 अगस्त क्यों?
1839 में, मिस्टर निपस  और मिस्टर लुइस डॉगेर के देग्युरोटाइप का फ्रांसीसी शिक्षाविदों और नौकरशाहों ने स्वागत किया. फोटो को कैप्चर करने की देग्युरोटाइप तकनीक को फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा अपनाया गया. इसी साल, 19 अगस्त को, फ्रांसीसी सरकार ने देग्युरोटाइप कैमरे के लिए पेटेंट खरीदा और इसे पूरी दुनिया के उपयोग के लिए मुफ्त कर दिया. इस तरह हर साल 19 अगस्त को दुनिया भर में विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाने लगा. 

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