CBSE ओपन बुक परीक्षा क्या है, यह कैसी परीक्षा है!, क्या है इसका कॉन्सेप्ट, क्या कहते हैं एक्सपर्ट Explainer

CBSE Board Exam: सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के बीच सीबीएसई ओपन बुक परीक्षा सुर्खियों में है. आखिर क्या है यह परीक्षा, क्या यह परीक्षा परंपरागत परीक्षा से बेहतर है. क्या सच में इस परीक्षा से बच्चों के मन में परीक्षा का डर खत्म हो जाएगा. क्या यह कॉन्सेप्ट बच्चों को पढ़ाई के प्रति बेपरवाह नहीं बनाएगा?

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CBSE Board Exam: क्या है यह ओपन बुक परीक्षा, क्या! किताब खोलकर होगी परीक्षा,

नई दिल्ली:

CBSE Board Exam: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की बोर्ड परीक्षाएं 2024 चल रही हैं. आज सीबीएसई 12वीं का अंग्रेजी का पेपर था. इसी बीच एक बड़ी खबर आई कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं अब 'ओपन बुक परीक्षा' होगी. ओपन बुक यानी किताब बंद करके नहीं बल्कि किताब खोलकर परीक्षा होगी. यानी सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में छात्रों को किताब, कॉपी, नोट्स सभी खोल कर परीक्षा देनी की आजादी होगी. यह नियम सीबीएसई के कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी छात्रों पर लागू होगा. सीबीएसई इस साल के अंत तक ओपन बुक परीक्षा को लेकर पहले कुछ प्रयोग करेगी. अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो अगले सत्र से सीबीएसई बोर्ड के सभी स्कूलों में यह नियम लागू कर दिया जाएगा. 

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क्या है यह ओपन बुक कॉन्सेप्ट

ओपन बुक परीक्षा का कॉन्सेप्ट भले ही आपको नया लग रहा होगा, लेकिन यह नया नहीं है, कई देशों में इसी कॉन्सेप्ट पर परीक्षा होती है. ओपन बुक यानी एक ऐसा परीक्षा जिसमें छात्रों को परीक्षा के दौरान अपने नोट्स, कॉपी -किताब और दूसरी अध्ययन सामग्री को न सिर्फ एग्जाम हॉल में लाने की अनुमति होगी, बल्कि वे परीक्षा में पूछे गए सवालों का जवाब भी किताब और नोट्स से ढूंढ कर दे सकेंगे. इस परीक्षा में बच्चों के किताबी ज्ञान का नहीं बल्कि उनकी समझ और बौद्धिक विकास का मूल्यांकन किया जाएगा. 

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आसान नहीं होगी यह परीक्षा

एनडीटीवी के साथ एक बातचीत में शिक्षाविद् अनीता रामपाल ने कहा कि बच्चे इस परीक्षा को हल्का मानकर न चलें, क्योंकि यह परीक्षा सामान्य परीक्षाओं की तरह नहीं होगी. न इस परीक्षा के सवाल आसान होंगे, ना ही उत्तर. छात्रों के पास भले ही प्रश्न पत्रों के सवाल के जवाब को ढूंढने के लिए किताब-नोट्स होंगे, लेकिन उस प्रश्न का उत्तर उन्हें किताब से नहीं बल्कि अपनी समझ और बौद्धिक क्षमता से देना होगा. यह परीक्षा बच्चों की किताबी ज्ञान की नहीं बल्कि उनकी समझ की है कि उन्होंने भलाना विषय या चैप्टर से क्या सीखा या क्या समझा है. 

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बच्चे पढ़ाई के प्रति कैसे होंगे गंभीर

सीबीएसई के इस कदम से वे बच्चे बहुत खुश हैं, जिन्हें रटा मारने या किसी प्रश्न का उत्तर हू-ब-हू याद करने में परेशानी होती है. सीबीएसई के इस कदम को कुछ लोग सही बता रहे हैं वहीं कुछ लोगों का कहना है कि आगे का क्या?, क्योंकि हमारा पूरा एजुकेशन सिस्टम एग्जाम और कॉम्पटीशन पर केंद्रीत है, ऐसे में क्या बच्चे आलसी नहीं हो जाएंगे, उन्हें परीक्षा का डर ही नहीं होगा, वो पढ़ाई को लेकर गंभीर ही नहीं होगे. क्या ऐसे बच्चे नीट, जेईई या यूपीएससी की परीक्षा पास कर सकेंगे. यूपीएससी छोड़िए क्या वे सीयूईटी परीक्षा पास कर सकेंगे, जो देश के तमाम यूनिवर्सिटी में रेगुलर कोर्सों में एडमिशन के लिए जरूरी है. फिलहाल सीबीएसई ओपन बुक परीक्षा को लेकर बच्चों, शिक्षकों, अभिभावक के मन में कई सवाल हैं, जिनके जवाब सबको समय के साथ मिलते जाएंगे.