यूजीसी लेकर आ रही है नया नियम, प्रोफेसर बनने के लिए नहीं पड़ेगी PhD, NET की जरूरत

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए पीएचडी डिग्री की अनिवार्यता खत्म हो सकती है. एक जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी ) पीएचडी और नेट अनिवार्यता को खत्म करने पर विचार कर रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 19 mins
यूजीसी ले सकती है बड़ा फैसला
नई दिल्ली:

विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों में "प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस" के पद पर नियुक्ति के लिए PhD या NET की अनिवार्यता खत्म हो सकती है. हालांकि यूजीसी सूत्रों ने ये भी कहा कि फिलहाल किसी ठोस नतीजे तक पहुंचने की प्रक्रिया में कुछ महीनों का वक्त लग सकता है, यूजीसी इसको examine कर रही है. नतीजे तक पहुंचने की एक पूरी प्रक्रिया होती है जिसके तहत एक समिति बनाई जाएगी.

इसके बाद समिति तमाम पहलू पर चर्चा करने के बाद इस प्रस्ताव की सिफारिश करेगी. फिर, सिफारिश को यूजीसी की बैठक में रखा जाएगा. इस मसले पर फीडबैक के लिए इसको यूजीसी की वेबसाइट पर डाला जाएगा और जब UGC की तरफ मंजूरी दे दी जाएगी तब आखिर में इसकी मंजूरी के लिए इसे Education Ministry के पास भेजा जाएगा. लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ महीने का वक्त लगना तय माना जा रहा है.

ये भी पढ़ें: तमिलनाडु के दिग्गज नेता टीटीवी दिनाकरन की मुसीबत बढ़ी, मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने समन भेज किया तलब

Advertisement

30 मार्च को राज्य सभा में सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि, UGC प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के पदों के सृजन की संभावनाएं तलाश रही है. साथ ही, विश्वविद्यालयों के स्वीकृत पदों को प्रभावित किए बिना इस पद के सृजन की सम्भावना का पता लगाया जा रहा है. इस पहल से उच्च शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग के बीच के अंतराल को दूर करने में मदद मिलेगी. साथ ही पाठ्यक्रम समृद्ध होगा और छात्रों को रोजगार में मदद मिलेगी. इस तरह के प्रावधान, आईआईटी में पहले से मौजूद हैं.

Advertisement

VIDEO: संजय राउत का BJP पर एजेंसियों के जरिये दबाव बनाने का आरोप, कहा- मर जाएंगे, लेकिन झुकेंगे नहीं

Advertisement
Featured Video Of The Day
Top Headlines | JNU Students Union Polls | Pakistan On PM Modi | Mumbai Protest | Bihar News
Topics mentioned in this article