बिहार विधानसभा में मंगलवार को बिहार निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया है. इस विधेयक में राज्य के नए निजी संस्थानों की बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए मानदंडों में ढील देने का प्रस्ताव है. सदन में विधेयक पेश करते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि इसका उद्देश्य राज्य में निजी विश्वविद्यालयों के कामकाज को जल्द से जल्द सुगम बनाना है. बिहार निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 के पारित होने के साथ निजी विश्वविद्यालयों को अस्थायी स्थानों से कार्य करने की अनुमति दी जाएगी. बशर्ते वे अन्य सभी शर्तों को पूरा करते हों. विधेयक के अनुसार यदि वे इसे दो साल की निर्धारित अवधि के भीतर विकसित करने में असमर्थ हैं. तो उन्हें इसे पूरा करने के लिए और दो साल मिलेंगे.
शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए कई आवेदन प्राप्त हुए हैं. अब विधानसभा ने संशोधन विधेयक पारित कर दिया है. तो उन आवेदनों की जांच की प्रक्रिया भी बहुत जल्द शुरू हो जाएगी. वर्तमान में बिहार में कोई निजी विश्वविद्यालय नहीं है. जबकि राज्य सरकार के अधीन संचालित कई मुक्त, कृषि और तकनीकी विश्वविद्यालय हैं.
बिहार विधानसभा ने मंगलवार को इस विधेयक के अलावा बिहार तकनीकी सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 को भी पारित किया है. बिहार तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में डॉक्टरों, इंजीनियरों और पशु चिकित्सकों की भर्ती की जाती है. संशोधन विधेयक में इस आयोग के प्रशासनिक कामकाज में कुछ बदलाव करने का प्रस्ताव है. शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘संशोधित विधेयक के पारित होने से डॉक्टरों, इंजीनियरों और पशु चिकित्सकों का चयन अधिक सुविधाजनक और तेज हो जाएगा.