सेंट स्टीफंस कॉलेज को विश्वविद्यालय की दाखिला नीति का पालन करना होगा, डीयू ने कहा

दाखिले के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया को समाप्त करने से कॉलेज के इनकार के बाद डीयू ने कहा है कि वह कॉलेज द्वारा सीयूईटी दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर किए गए सभी दाखिलों को अमान्य घोषित करने के अपने निर्णय पर अडिग है.

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नई दिल्ली:

दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) ने सोमवार को सेंट स्टीफंस कॉलेज (St Stephen's College) से प्रवेश प्रक्रिया में विश्वविद्यालय की नीति का पालन करने का आग्रह करते हुए कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University) प्रवेश परीक्षा (Central University Entrance Test) से सभी आवेदकों को समान अवसर मिलेंगे. प्रवेश प्रक्रिया को लेकर विश्वविद्यालय और कॉलेज आमने-सामने हैं. कॉलेज ने पहले कहा था कि वह सभी श्रेणियों में दाखिले के लिये सीयूईटी में प्राप्त अंकों को 85 प्रतिशत, जबकि साक्षात्कार को 15 प्रतिशत महत्व (वेटेज) देगा.

दाखिले के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया को समाप्त करने से कॉलेज के इनकार के बाद डीयू ने कहा है कि वह कॉलेज द्वारा सीयूईटी दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर किये गए सभी दाखिलों को अमान्य घोषित करने के अपने निर्णय पर अडिग है.सोमवार को सेंट स्टीफंस के प्रिंसिपल जॉन वर्गीज को लिखे एक पत्र में, डीयू के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने तर्क दिया कि कॉलेज की प्रक्रिया से भेदभाव पैदा होगा. 

उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को लंबा खींचने से “ दाखिला प्रक्रिया के सुचारू और समयबद्ध संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.” गुप्ता ने कहा कि सीयूईटी से सभी आवेदकों को एक समान अवसर मिलेंगे और सभी आवेदकों के लिए “मानकीकृत, न्यायसंगत, निष्पक्ष, पारदर्शी, राष्ट्रीयकृत सामान्य प्रवेश परीक्षा यानी सीयूईटी-यूजी” के आधार पर योग्यता निर्धारित की जाएगी.

रजिस्ट्रार ने पत्र में कहा, “उम्मीद है कि कॉलेज अपनी दाखिला प्रक्रिया को विश्वविद्यालय की प्रवेश नीति के साथ संरेखित करके सर्वोच्च न्यायालय की वृहद पीठ के फैसले का सम्मान करेगा.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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