दिल्ली के स्कूली छात्रों के लिए देशभक्ति, उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम मूल्यांकन के नये मानदंड

शिक्षा निदेशालय के नये दिशानिर्देशों के मुताबिक, तीसरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन ‘हैप्पीनेस’ (प्रसन्नता) और ‘देशभक्ति’ पाठ्यक्रमों के लिए किया जाएगा, जबकि नौवीं से 11वीं कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन ‘देशभक्ति’ उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम के लिए किया जाएगा.

Advertisement
Read Time: 19 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार Delhi government) के नये दिशानिर्देशों (new guidelines) के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में स्कूली छात्रों (school students) का अब अन्य शैक्षिक विषयों के साथ-साथ उनके व्यवहार में मानसिकता पाठ्यक्रम (Mindset Course) के प्रभाव के लिए मूल्यांकन किया जाएगा. शिक्षा निदेशालय के नये दिशानिर्देशों के मुताबिक, तीसरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन ‘हैप्पीनेस' (प्रसन्नता) और ‘देशभक्ति' पाठ्यक्रमों के लिए किया जाएगा, जबकि नौवीं से 11वीं कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन ‘देशभक्ति' उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम के लिए किया जाएगा. हालांकि 11वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक अतिरिक्त मानदंड होगा जो ‘बिजनेस ब्लास्टर्स' कार्यक्रम में उनकी भागीदारी से संबद्ध होगी. 

ये भी पढ़ें ः कोविड मामलों में वृद्धि के कारण लेह के स्कूलों में 4 जुलाई से गर्मी की छुट्टी

JEE Main 2022: एनटीए ने सत्र 2 के लिए एप्लीकेशन करेक्शन विंडो खोला, ऐसे करें फॉर्म में सुधार 

IPU CET 2022: IP यूनिवर्सिटी में काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू, लास्ट डेट जानें

उल्लेखनीय है कि बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम के तहत छात्रों को मुनाफा देने वाला एक विचार प्रस्तुत करने या किसी सामाजिक समस्या का हल करने के लिए 2,000 रूपये की शुरूआती रकम मुहैया की जाती है. नये मानदंड पहले से मौजूद मूल्यांकन नियमों के एक पूरक का काम करेंगे और वे सह-पाठ्यक्रम तथा अकादमिक गतिविधियों पर आधारित होंगे.

Advertisement

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘हमने मूल्यांकन मानदंड में संशोधन किया है और आगे बढ़ रहे हैं, छात्रों का मूल्यांकन मुख्य पाठ्यक्रमों के उनके ज्ञान के अतिरिक्त उनकी क्षमताओं के आधार पर किया जाएगा.'' उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है.

Advertisement

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी चालित असल दुनिया की चुनौतियों के लिए छात्रों को तैयार करने और उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए स्कूलों को क्षमता आधारित ‘लर्निंग' (सीखने) को प्राथमिकता देनी चाहिए. नये मूल्यांकन दिशानिर्देशों के मुताबिक, छात्रों का मूल्यांकन अब न सिर्फ पाठ्यक्रम के ज्ञान पर बल्कि वास्तविक जीवन की स्थितियों को समझने की उनकी क्षमता के आधार पर भी किया जाएगा.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Bihar Land Survey: बिहार में ज़मीन के सर्वे को लेके किसान क्यों परेशान हैं? | Zameen Survey ki ABCD