Pariksha Pe Charcha 2022: परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माता-पिता और शिक्षकों से कहा कि मैं कहना चाहूंगा कि आप अपने सपनों को, जो आप पूरा नहीं कर सके, आप बच्चों पर थोपने की कोशिश न करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सब हमारे बच्चों के विकास के लिए बहुत चिंता का विषय है.
पुराने जमाने में शिक्षक का परिवार से संपर्क होता था. शिक्षक इस बात से परिचित थे कि परिवार अपने बच्चों के लिए क्या सोचते हैं. शिक्षकों ने जो किया उससे परिवार परिचित था. यानी पढ़ाई स्कूल में हो या घर में, सब एक ही मंच पर थे."
लेकिन अब माता-पिता के पास इसके लिए समय नहीं है कि बच्चा दिन भर क्या करे. टीचर को सिलेबस से ही लेना-देना है कि मेरा काम हो गया, मैंने बहुत अच्छा पढ़ाया. लेकिन बच्चे का दिमाग कुछ और ही करता है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब तक हम बच्चे की ताकत, सीमा, रुचियों और अपेक्षाओं को करीब से जानने की कोशिश नहीं करते हैं, तो कहीं न कहीं वह ठोकर खाता है. इसलिए मैं हर माता-पिता और शिक्षक से कहना चाहूंगा कि आपके मन की अपेक्षा के अनुसार आपके बच्चे पर बोझ बढ़ता है, इससे बचने की कोशिश करें.