Pariksha Pe Charcha 2022: कॉम्पिटिशन को खुद इनवाइट करें, पढ़ाई एग्जाम के लिए नहीं शिक्षित व्यक्ति बनने के लिए करें

Pariksha Pe Charcha 2022: पीएम ने बच्चों को कहा कि पढ़ाई एग्जाम देने के लिए नहीं बल्कि योग्य शिक्षित व्यक्ति बनने के लिए करें. कॉम्पिटिशन से डरे नहीं इसे खुद इनवाइट करें. यह जीवन को आगे बढ़ाने का माध्यम है.

Pariksha Pe Charcha 2022: कॉम्पिटिशन को खुद इनवाइट करें, पढ़ाई एग्जाम के लिए नहीं शिक्षित व्यक्ति बनने के लिए करें

कॉम्पिटिशन को खुद इनवाइट करें

नई दिल्ली:

Pariksha Pe Charcha 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली के तालकोटरा स्टेडियम में बच्चों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा' (Pariksha Pe Charcha) 2022 कर रहे हैं. ‘परीक्षा पे चर्चा' (Pariksha Pe Charcha) 2022 एक इंटरैक्टिव कार्यक्रम है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोर्ड परीक्षा के छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों के साथ बातचीत करते हैं और परीक्षा तनाव और संबंधित मुद्दों पर उनके प्रश्नों का जवाब देते हैं. इस कार्यक्रम के पांचवें संस्करण पर एक छात्र ने उनसे पूछा कि सर बोर्ड परीक्षाएं होने वाली हैं, वहीं इस बार कॉलेज में एडमिशन प्रोसेस में भी बदलाव हुआ है, उसके लिए भी परीक्षा देनी है. ऐसे में हम बोर्ड परीक्षा की तैयारी करें या फिर कॉम्पिटिशन की.

पढ़ाई एग्जाम के लिए नहीं शिक्षित बनने के लिए करें
इस सवाल के जवाब पर प्रधानमंत्री ने कहा, जब आप अच्छे से पढ़ाई कर रहे तो क्या फर्क पड़ता है कौन सी परीक्षा है. मैं नहीं मानता हूं कि मुझे इस एग्जाम के लिए पढ़ना है, तो मुझे अब उस एग्जाम के लिए पढ़ना है. मुझे लगता है कि फिर आप पढ़ाई नहीं कर रहे हैं. इसलिए आपको एग्जाम कठिन लग रहे हैं. परीक्षा की पूरी तैयारी करें, पढ़ाई एग्जाम देने के लिए नहीं करें, योग्य शिक्षित व्यक्ति बनने के लिए मेहनत करें. पढ़ाई अच्छे से करें और इस सोच से करें कि जो परीक्षा पहले आएगी, उसका मुकाबला पहले करेंगे. कोई खिलाड़ी खेल की तैयारी करता है, इससे फर्क नहीं पड़ता है वह तहसील में खेले या राज्य में या फिर देश में, स्तर से कोई फर्क नहीं पड़ता. 

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कॉम्पिटिशन को खुद इनवाइट
आगे उन्होंने कहा कि दूसरी बात की कॉम्पिटिशन तो होना ही चाहिए. अगर प्रतिगयोगति नहीं है जीवन का क्या मतलब है. आज कॉम्पिटिशन को खुद इनवाइट करके देखें, घर में छुट्टी का दिन है तो भाई-बहन कॉम्पिटिशन लगाओं कि तुम चार रोटी खाओगी तो मैं पांच रोटा खाऊंगा. कॉम्पिटिशन जीवन को आगे बढ़ाने का माध्यम है. इससे हमारा मूल्यांकन होता है.यह तो होना ही चाहिए.