Pariksha Pe Charcha 2022: PM ने बच्चों से कहा - रीडिंग करते हैं या रील देखते हैं, खुद से पूछें

Pariksha Pe Charcha 2022: सबसे पहले खुद से पूछें कि ऑनलाइन रीडिंग करते समय रीडिंग करते हैं या रील देखते हैं. आप समझ गए होंगे कि मैंने आपको पकड़ लिया है. सचमुच में दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई का नहीं है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम शुरू
नई दिल्ली:

Pariksha Pe Charcha 2022: परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का आगाज हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 11 बजे पहुंचें. जहां शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उनका स्वागत किया. सवाल -जवाब शुरू हो चुका है. पहला सवाल आनंद विहार की विवेकानंद स्कूल की कक्छाषा 12वी की छात्रा खुशी जैन ने किया. खुशी के सवाव पूछने पर प्रधानमंत्रीने कहा कि अच्छा है कार्यक्रम की शुरुआत खुशी से हो रही है, अब सब खुशी-खुशी ही होगा. 

Koo App
हम अक्सर 'मोटिवेशन का इंजेक्शन' या 'मोटिवेशन का फॉर्मूला' ढूंढते हैं। लेकिन हमें उन चीजों की तलाश करनी होगी जो हमें डिमोटिवेट करती हैं और उन्हें दूर रखना होगा। फिर हमें उन चीजों की तलाश करनी होगी जो हमें प्रेरित करती हैं जैसे कोई गाना, किताब आदि, उन्हें अपने पास रखना होगा: पीएम- Doordarshan Uttar Pradesh (@DoordarshanUttarPradesh) 1 Apr 2022

अब सब खुशी से होगा

खुशी ने सवाल किया कि परीक्षा के दौरान उन्होंने वाले तनाव से कैसे निपटा जाए. खुशी के सवाल को कई दूसरे बच्चों ने भी दोहारा. इस सवाल के जवाब पर प्रधानमंत्री ने कहा, आपके सवालों ने मुझे भी पैनिक कर दिया है. पैनिक होने का मतलब भी नहीं बनता, कोईआप पहली बार एग्जाम नहीं दे रहे हैं. आप पहले भी परीक्षा दे चुके हैं, ऐसे में किनारे पर डूबने का डर नहीं होना चाहिए. परीक्षा जीवन का हिस्सा. इतनी बार परीक्षा दे चुके हैं आप और अब आप परीक्षा प्रूफ हो चुके हैं. इन अनुभवों से जीवन में ताकत आता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पैनिक होने का कहीं ये मतलब तो नहीं कि परीक्षा की तैयारी में कमी है. उन्होंने बच्चों को सुझाव दिया कि जो किया है, उसपर विश्वास करें कि मैं इसमें बेहतर हूं. परीक्षा के प्रेशर में मत रहिए. जितनी सहज दिनचर्या आज है आपकी उतनी ही दिनचर्या परीक्षा वाले दिनों में भी रखें. परीक्षा को पूरे उत्साह, उमंग और फेस्टिवल वाले मूड में दें. ऐसा करके मुझे विश्वास है आप सफल रहेंगे. 

Advertisement

ऑनलाइन रीडिंग करते हैं रील देखते हैं

वहीं बेंगलुरु की कक्षा 11 के छात्र ने पूछा कि प्रधानमंत्री से पिछले दो साल हमारी पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है, ऐसे में हम ऑनलाइन मीडिया, सोशल मीडिया के आदि हो चुके, पढ़ाई में मन नहीं लगा पा रहे. ऐसा ही सवाल दक्षिण के एक शिक्षक ने भी किया. इस सवाल के जवाब पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मन इधर-उधर भटकता तो इसमें गलती ऑनलाइन पढ़ाई की नहीं है. सबसे पहले खुद से पूछें कि ऑनलाइन रीडिंग करते समय रीडिंग करते हैं या रील देखते हैं. आप समझ गए होंगे कि मैंने आपको पकड़ लिया है. सचमुच में दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई का नहीं है.

Advertisement

कई बार आप स्कूल में रहकर भी नहीं होते, मन कहीं और होता. जो चीजे ऑफलाइन होती है, वही चीजें ऑनलाइन भी होती, माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन अगर  मन पढ़ाई से जुड़ा या डूबा हुआ है तो ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम में पढ़ाई से फर्क नहीं पड़ता है. 

Advertisement

Featured Video Of The Day
Delhi: सड़कों पर वाहनों की भीड़, यातायात नियमों की अनदेखी, अलकनंदा में Traffic की जानलेवा बदइंतजामी