विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कॉलेज एडमिशन को लेकर सोमवार को बडा फैसला लिया है. यूजीसी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय सहित उसके द्वारा वित्त पोषित सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को छात्रों को स्नातक में प्रवेश देने के लिए नए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के अंकों का उपयोग करना होगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने एनडीटीवी (NDTV) को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि अब सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में अंडर ग्रेजुट (UG) कोर्सों में में दाखिला कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (CUET) से होगा. उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई के पहले हफ्ते में इस टेस्ट का आयोजन किया जाएगा. शैक्षणिक सत्र 2022-23 में जो भी एडमिशन अंडर ग्रेजएट कोर्सों में उसके लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (CUET) अनिवार्य होगा.
हाई परसेंट्स के कारण छात्रों को तनाव
दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू जैसे अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन पाने के लिए छात्रों को 12वीं यानी इंटरमीडिएट परीक्षा में 99-100 प्रतिशत लाने का दवाब रहता था. कारण इन विश्वविद्यालयों में कट ऑफ 99%100% जाता है.
अलग-अलग बोर्ड में अलग-अलग प्रोसेस
छात्रों को लेवल प्लेइंग ग्राउंड चाहिए. अलग-अलग बोर्ड में अलग अलग प्रोसेस होता है मार्किंग का इसमें वैरिएशन भी होता है, इसलिए यूजीसी ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट का फैसला लिया है.
डिम्ड यूनिवर्सिटी को भी मानना होगा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि हमारी कोशिश है कि निजी, डिम्ड यूनिवर्सिटी, राज्य यूनिवर्सिटी भी इसको अपनाएं. इस संबंध में कुछ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से भी बात की है, इसके लिए वे तैयार हैं.
आज हमने पब्लिक नोटिस दिया है. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (CUET) स्कोर का इस्तेमाल हर यूनिवर्सिटी कर सकते हैं. सीयूईटी (CUET) स्कोर के अलावा यूनिवर्सिटी चाहें तो 12वीं का परसेंट्ज ऑफ मार्क्स भी कर सकते हैं. ये यूनिवर्सिटी के ऊपर है. इसका लाभ छात्रों को मिलेगा और अब 12वीं में 99% या 100% लाने की होड़ नहीं होगी. अब बच्चे 12वीं के लिए भी पढ़ेंगे और सीयूईटी दोनों के लिए.
कैसी होगी परीक्षा
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (CUET) में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीआरटी (NCERT) का सिलेबस कक्षा 12वीं के स्टैंडर्ड का होगा. यह टेस्ट कंप्यूटर पर आधिरत होगा और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) इस टेस्ट का आयोजन करेगा. यह टेस्ट दो शिफ्ट में और 13 भाषाओं में आयोजित किया जाएगा. इस परीक्षा में बहुविक्लपीय प्रश्न पूछे जाएंगे.
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि इससे रिजर्वेशन पॉलिसी पर कोई असर नहीं होगा. हमारी कोशिश है कि जिस इलाके के बच्चे हों कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट (CUET)उन्हीं के क्षेत्र में मुमकिन हो. इसका यह भी फायदा होगा कि छात्रों की ध्यान सीखने पर होगा. यूजीसी ने छह महीने की प्रक्रिया के बाद ये फैसला लिया है.