Success Story: पिता की कमाई केवल 8 हजार, बेटी ने देखा डॉक्टर बनने का सपना, नीट पास कर AIIMS पहुंची

आज हम बात करने वाले हैं सक्सेस स्टोरी में चारुल होनारियां की जिन्होंने अपनी मेहनत से सफलता हासिल की. दरअसल, चारुल होनारिया यूपी के बिजनौर जिले के करतारपुर गांव की रहने वाली है.

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नई दिल्ली:

NEET Motivational Story: जीवन में हर किसी के पास चुनौती है, लेकिन कुछ लोग उस मुश्किलों का सामना इस तरह से करते हैं कि एक मिशाल बन जाते हैं. गरीबी एक ऐसी मजबूरी है जिसकी वजह इंसान न जाने क्या-क्या कर जाता है. लेकिन मेहनत और किस्मत साथ दे तो क्या नहीं हो सकता. आज हम बात करने वाले हैं सक्सेस स्टोरी में चारुल होनारियां की जिन्होंने अपनी मेहनत से सफलता हासिल की. दरअसल, चारुल होनारिया यूपी के बिजनौर जिले के करतारपुर गांव की रहने वाली है. उनके पिता किसान हैं, एक गरीब किसान के लिए 7 सदस्य का परिवार संभाल पाना इतना आसान नहीं था.

आर्थिक तंगी में की पढ़ाई

चारुल होनारियां के पिता की कमाई सिर्फ 8 हजार रु थी, इस तंगी के बावजूद चारुल ने डॉक्टर बनने का सपना देखा और इसे पूरा किया. चारुल ने 10वीं क्लास से ही नीट की तैयारी शुरू कर दी थी. चारुल की अंग्रेजी में थोड़ी खराब थी. लेकिन उसने अपनी इस कमी पर काम किया. काफी कष्ट में चारुल ने अपनी पढ़ाई पूरी की. नेटवर्क 18 के रिपोर्ट के अनुसार, चारुल के पास न कोई अच्छी सुविधा थी और न ही बिजली और बेतहर मौके. फिर भी उन्होंने बचपने से डॉक्टर बनने का सपना देखा और उसे पूरा करने की पूरी कोशिश की.  

स्कॉलरशिप से मिली मदद

पैसे की कमी के कारण चारुल कोचिंग नहीं की. लेकिन उन्हें विद्या स्कूल में फ्री एजुकेशन के लिए 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप मिल गई है. चारुल ने 12वीं 93 प्रतिशत नंबर हासिल किए. साल 2019 में असफल होने के बाद उन्हें कोचिंग में स्कॉलरशिप ली और फिर 2020 में नीट परीक्षा दी. इसके बाद उन्होंने 720 में से  680 नंबर हासिल किए. उनकी ऑल इंडिया रैंक 681 थी.

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