आजादी की लड़ाई का इतिहास क्रांतिकारियों के साहसिक कारनामों से भरा पड़ा है और ऐसे ही एक वीर सेनानी थे लाला लाजपत राय, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) की आज पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने साइमन कमीशन के खिलाफ आवाज उठाई थी. आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को 'पंजाब केसरी' (Punjab Kesari) भी कहा जाता है. इतना ही नहीं उनकी याद में आज यानी 17 नवंबर को उनके 'स्वर्ग-गमन' के दिन को बलिदान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. आज उनकी पुण्यतिथि पर कई वरिष्ठ नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि पर 'कू' (Koo App) किया. उन्होंने लिखा, 'महान स्वतंत्रता सेनानी पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी को पुण्यतिथि पर विनम्र अभिवादन.'
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने (Om Birla) 'कू' (Koo App) किया, 'मां भारती की स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले, महान स्वतंत्रता सेनानी 'पंजाब केसरी' लाला लाजपत राय जी की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन. देश के लिए आपका सर्वोच्च बलिदान देशवासियों को पीढ़ियों तक राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा.'
हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह (SANDEEP SINGH) ने 'कू' (Koo App) किया, ''मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक चोट ब्रिटिश साम्राज्य के कफन की कील बनेगी- लाला लाजपत राय'...देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय जी के बलिदान दिवस पर उन्हें शत-शत प्रणाम'
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लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी, 1865 को फिरोजपुर, पंजाब में हुआ था. उनके पिता मुंशी राधा कृष्ण आजाद फारसी और उर्दू के महान विद्वान थे. उनकी माता गुलाब देवी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं. 1884 में उनके पिता का रोहतक ट्रांसफर हो गया और वह भी पिता के साथ आ गए. उनकी शादी 1877 में राधा देवी से हुई.