देश के जाने-माने प्रौद्योगिकी संस्थान IIT (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) से डिग्री लेकर निकले बच्चों को लाखों-करोड़ों रुपये की नौकरियां पाते हमने खूब सुना है, लेकिन इस साल यहां भी नौकरियों, खासतौर से प्लेसमेंट का बुरा हाल है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए देश का सर्वोत्तम संस्थान माने जाने वाले IIT अपने 23 कैम्पसों से पढ़े लगभग 8,000 इंजीनियरों को नौकरियां दिलवाने में नाकाम रहा है. IIT कानपुर के पूर्व छात्र धीरज सिंह ने प्लेसमेंट को लेकर एक आरटीआई (RTI) दाखिल की थी, जिसके फलस्वरूप चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए.
RTI के ज़रिये सामने आए आंकड़ों से पता चला कि इस साल IIT के लगभग 38% छात्र ऐसे हैं, जिन्हें नौकरी नहीं मिल पाई. 2024 में 21,500 छात्रों ने IIT की प्लेसमेंट के लिए रजिस्टर किया था, लेकिन उनमें से सिर्फ़ 13,410 छात्रों को नौकरी हासिल हो पाई, सो, 38% छात्र अब भी नौकरी की तलाश में हैं. अगर दो साल पहले के आंकड़ों को देखें, तो उस वक्त IIT प्लेसमेंट के अंत तक 3,400 (19%) छात्रों को नौकरी नहीं मिल पाई थी, सो, 38% का यह आंकड़ा खासी बढ़ोतरी है.
नए IIT में स्थिति ज़्यादा गंभीर
पुरानी नौ IIT से 16,400 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए रजिस्टर किया था, जिनमें से 6,050 (37%) अब तक नौकरी तलाश रहे हैं, जबकि नई बनी IIT का हाल इससे ज़्यादा खराब है, 14 नई IIT संस्थानों से कुल 5,100 छात्र प्लेसमेंट में शामिल हुए थे, और 2,040 (40%) नौकरी नहीं पा सके.
धीरज सिंह ने RTI से हासिल आंकड़ों को अपने लिंक्डइन अकाउंट पर साझा करते हुए कहा, "IIT खड़गपुर के 33% छात्र पिछले साल प्लेसमेंट से नौकरी नहीं पा सके... नौकरी न पाने वालों को तनाव, निराशा और चिंता से जूझना पड़ रहा है..."
इनके अलावा, IIT दिल्ली के 22% छात्र पिछले पांच सालों में प्लेसमेंट के ज़रिये नौकरियां नहीं पा सके थे, और उनमें से 40% अब भी, यानी 2024 तक भी बेरोज़गार हैं. धीरज सिंह ने लिखा, "RTI के मुताबिक पिछले दो सालों में IIT दिल्ली के 600 ऐसे छात्र हैं, जिन्हें नौकरी नहीं मिल पाई..."