जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ और शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर शुक्रवार को सवाल उठाया और आरोप लगाया कि कुमार को ''सरकार का एजेंडा लागू करने के लिए पुरस्कृत किया गया है.'' जेएनयू शिक्षक संघ की सचिव मौसमी बसु ने कहा कि वह इस फैसले से अंचभित हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या यूजीसी का अध्यक्ष नियुक्ति किए जाने के लिए कोई अन्य शिक्षाविद उपयुक्त नहीं पाया गया?
वहीं, जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ''पिछले छह साल में जेएनयू की बर्बादी के बाद एम जगदीश कुमार यूजीसी के अध्यक्ष बनने को तैयार हैं. कुमार, संस्थानों को ध्वस्त करने के विशेषज्ञ हैं. बिल्कुल इसी वजह से भाजपा सरकार ने उन्हें इस पद के लिए चुना है.''
गौरतलब है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदीश कुमार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को ये जानकारी दी. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, कुमार को पांच साल की अवधि के लिए उच्च शिक्षा नियामक के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने एम जगदीश कुमार को पांच साल की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु का होने तक यूजीसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है.''
प्रोफेसर डी पी सिंह के 65 वर्ष की आयु पूरी हो जाने पर यूजीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सात दिसंबर से यह पद खाली था. सिंह ने 2018 में यूजीसी अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था.
साल 2016 के राजद्रोह विवाद, कई बार अपने कार्यालय की तालाबंदी से लेकर 2019 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री को जेएनयू के दीक्षांत समारोह स्थल पर छह घंटे से अधिक समय तक रोके जाने तक, विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कुमार का कार्यकाल विवादों से भरा रहा. कुमार को जनवरी 2016 में जेएनयू का कुलपति बनाया गया था. उनकी नियुक्ति के ठीक एक हफ्ते बाद कुलपति के रूप में विवादों से उनका पहली बार तब सामना हुआ था, जब छात्रों ने संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर प्रशासन के साथ हंगामा किया.