भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की अहम भूमिका, कनकसभापति ने एनसीवेब की स्थापना दिवस पर कहा 

कनकसभापति ने एनसीवेब की स्थापना को सराहनीय कदम बताते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया. उन्होनें कहा कि नॉन कॉलेजिएट जैसे संस्थान अगर सभी शहरों में हों तो अधिक जरूरतमंद छात्राओं तक शिक्षा पहुंचाई जा सकेगी.

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नॉन-कॉलेजिएट वुमेन्स एजुकेशन बोर्ड का 'वार्षिक समारोह-2022'
नई दिल्ली:

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के नॉन-कॉलेजिएट वुमेन्स एजुकेशन बोर्ड (Non-Collegiate Women's Education Board of Delhi University) के 'वार्षिक समारोह-2022' का आयोजन किया गया.इस मौके पर भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के चेयरमैन प्रो. पी. कनगसभापति ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की अहम भूमिका है. इसलिए नॉन कॉलेजिएट जैसे संस्थान दूसरे शहरों में भी होने चाहिए ताकि जरूरतमंद छात्राओं को शिक्षा मिल सके. 

कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर के सर शंकरलाल हॉल में हुआ. सभी अतिथियों का अंगवस्त्र, स्मृतिचिह्न और ब्रह्मकमल प्रदान करके स्वागत किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के चेयरमैन प्रो. पी. कनगसभापति तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विकास गुप्ता का उद्बोधन प्राप्त हुआ. समारोह में नॉन-कॉलेजिएट बोर्ड के चेयरपर्सन बलराम पाणी, निदेशका प्रो. गीता भट्ट एवं उप-निदेशक उमाशंकर, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर रजनी अब्बी एवं उप-प्रॉक्टर अवधेश भी उपस्थित रहे. कुलसचिव विकास गुप्ता ने कोविड महामारी के बाद पुनः प्रत्यक्ष कार्यक्रम में विद्यार्थियों के जोश की सराहना की. 

निदेशका गीता जी ने एनसीवेब की स्थापना का उद्देश्य बताते हुए गत वर्ष की गतिविधियों एवं उपलब्धियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की. विकास जी ने छात्राओं की सांस्कृतिक उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये प्रस्तुतियां हमें देश और समाज के प्रति प्रतिबद्ध बनाती हैं. कनकसभापति ने एनसीवेब की स्थापना को सराहनीय कदम बताते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया. उन्होनें कहा कि नॉन कॉलेजिएट जैसे संस्थान अगर सभी शहरों में हों तो अधिक जरूरतमंद छात्राओं तक शिक्षा पहुंचाई जा सकेगी.

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समारोह में नृत्य एवं गायन प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ जिसमें विभिन्न कॉलेज की छात्राओं द्वारा प्रस्तुति दी गई. ये प्रस्तुतियां महिला सशक्तिकरण, विभिन्न राज्यों की संस्कृति, देशभक्ति और ऐतिहासिक किरदारों पर आधारित रहीं. इस मौके पर गत सत्रों की अकादमिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता विजेताओं को पुरस्कार दिया गया. कार्यक्रम में सभी केन्द्रों के केंद्र प्रभारी (टीचर-इन-चार्ज) एवं कार्यक्रम के वॉलनटिअर्स को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में सभी कॉलेज सेंटर के 700 से अधिक छात्राएं, प्राध्यापक एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण को समर्पित एनसीवेब की स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी. तब से लेकर आज तक बोर्ड ने नित नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. कोरोना काल में भी एनसीवेब ने उल्लेखनीय कार्य किया है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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