यूपीएससी की परीक्षा सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक है. वहीं इस परीक्षा में निबंध लेखन (Essay writing) सबसे जरूरी हिस्सा है. जो उम्मीदवार इस साल यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं उनके लिए इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFS) ऑफिसर ने निबंध लेखन से जुड़े कुछ टिप्स शेयर किए हैं जो आपकी मदद जरूर करेंगे.
इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFS) ऑफिसर अंकित कुमार ने बताया किस तरह की स्ट्रेटजी फॉलो करते हुए निबंध लिखना चाहिए. आपको बता दें, निबंध लेखन का ये सेक्शन 250 नंबर का होता है. जिसमें उम्मीदवार अच्छे नंबर कवर कर सकता है. बता दें, अंकित कुमार 2019 बैच के AGMUT कैडर के अधिकारी हैं. वह ज्यादातर वन संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण और जलवायु परिवर्तन पर ट्वीट करते हैं. हाल ही उन्होंने निबंध लेखन को लेकर ट्वीट किया है.
उन्होंने बताया किसी प्रकार के निबंध को लिखते समय सबसे पहले ध्यान परिचय (introduction) पर दिया जाना चाहिए. सही परिचय लिखने के बाद ही आप अपना निबंध आगे बढ़ाना शुरू कर सकते हैं.
परिचय लिखने के बाद निबंध की बॉडी, यानी निबंध में क्या- क्या लिखा जाना अनिवार्य है. उसके बारे में लिखें. उन्होंने बताया किसी भी निबंध को डायरेक्ट आंसर शीट पर लिखने से पहले एक रफ पेपर पर निबंध का खाका यानी रफ स्ट्रक्चर तैयार करें. जिसमें उन पॉइट्स को लिख दें, जिनके बारे में आप विस्तार से फाइनल आंसर शीट में लिखने वाले हैं. उन्होंने कहा किसी भी निबंध को बिना निष्कर्ष के छोड़ना ठीक नहीं है. इसलिए अंत में निष्कर्ष जरूर लिखें.
कैसे लिखना है परिचय
अंकित बताते हैं कि निबंध का सबसे जरूरी हिस्सा परिचय ही है, लेकिन उसे कुल शब्द सीमा के 10% भाग में लिखा जाना चाहिए. ऐसा न हो आपका परिचय काफी लंबा हो जाए.
उन्होंने कहा, परिचय की शुरुआत उस निबंध से संबंधित किसी भी कोट्स, कहानी या करंट अफेयर्स की किसी घटना से कर सकते हैं. इसी के साथ परिचय को 3-4 पैराग्राफ में ब्रेक कर सकते हैं. ताकि पढ़ने वाला आपकी लिखी हुई बात आसानी से समझ सके.
कैसी होनी चाहिए बॉडी
निबंध की बॉडी कुल शब्द सीमा के 80% भाग में लिखी जानी चाहिए. जिसमें आप निबंध से सबंधित अर्थव्यवस्था, राजनीति, शासन, इतिहास, भूगोल, अंतर्राष्ट्रीय संबंध जैसे मुद्दे लिख सकते हैं. जब भी आप निबंध लिख रहे हैं इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या और क्यों लिख रहे हैं. निबंध लिखते हुए आउट ऑफ टॉपिक जाने से बचें.
कैसा होना चाहिए निष्कर्ष
निष्कर्ष पर आते हुए, उन्होंने कहा, "UPSC के उम्मीदवारों को इसे 3 पैराग्राफ के भीतर रखने का सुझाव देते हैं, "पहले पैराग्राफ में, NGO या नागरिक समाज द्वारा की गई पहलों को रखें, दूसरे में सरकार द्वारा की गई पहलों के बारे में लिखें, और तीसरे पैराग्राफ में निबंध की विषय वस्तु के संदर्भ में सुझाए गए किसी भी उपायों के बारे में लिख सकते हैं. "