हम सभी जानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा है. जिसमें सफलता हासिल करने के लिए दिन रात एक करने पड़ते हैं आज हम आपको ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए खुद को 6 महीने तक कमरे में बंद कर लिया था. इस लड़की का नाम निधि सिवाच हैं. जिन्होंने साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में 83 रैंक हासिल की थी. आज निधि IAS के पद पर नियुक्त हैं. हालांकि उनका ये सफल बिल्कुल भी आसान नहीं था.
निधि सिवाच हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली हैं. शुरुआत से ही वह पढ़ाई में काफी अच्छी रही हैं. उनके 10वीं में 95% और 12वीं 90% मार्क्स आए थे. दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय, सोनीपत, हरियाणा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, निधि टेक महिंद्रा में एक डिज़ाइन इंजीनियर के पद पर काम किया. जिसके बाद 2017 में उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
आपको बता दें, निधि ने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के लिए इतिहास को चुना और ऑप्शनल मीडियम के लिए अंग्रेजी को चुना था. निधि ने इतिहास को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट में चुनने का फैसला किया क्योंकि उसने कहा कि तैयारी के दौरान9वीं और 10वीं कक्षा के सिलेबस ने उसकी बहुत मदद की थी.
जब घरवालों ने रख दी शर्त
कड़ी मेहनत के बावजूद निधि को यूपीएससी में लगातार दो बार असफलता का सामना करना पड़ा. जब वह खुद को पॉजिटिव रखने की कोशिश कर रही थी, लेकिन यूपीएससी में दो बार फेल होने के बाद उनके परिवार ने उनके सामने एक शर्त रखी - अगर इस बार वह यूपीएससी की परीक्षा में फेल होती है तो उन्हें शादी करनी होगी.
निधि के पास उस वक्त कोई ऑप्शन नहीं था,उन्होंने घरवालों की शर्त मान ली. अब निधि के पास एक ही मकसद था, जैसे भी हो यूपीएससी की परीक्षा पास करनी है.
इसके लिए निधि ने खुद को 6 महीने के लिए कमरे में बंद कर लिया और पूरा समय पढ़ाई को दिया. वह 6 महीने तक अपने घर में तो थी, लेकिन किसी भी घर के सदस्य से बातचीत नहीं होती थी. उन्होंने 6 महीने चार दीवारी और किताबों के बीच बिताए. जिसका नतीजा साल 2018 में आखिरकार उन्हें मिल गया.
उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 83 रैंक हासिल करते हुए सफलता हासिल की. आपको जानकर हैरानी होगी कि निधि ने यूपीएससी की तैयारी के लिए किसी भी प्रकार की कोचिंग नहीं ली थी. अपने दम पर उन्होंने इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस (IAS) का पद हासिल कर ही लिया था.