दिल्ली विश्वविद्यालय यानी डीयू (DU) ने शहर की सरकार द्वारा पूर्ण रूप से वित्त पोषित 12 कॉलेजों के प्राचार्यों और उच्च शिक्षा निदेशक के बीच हुई बातचीत का ब्योरा मांगा है. यह कार्रवाई दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लगाए गए आरोपों के मद्देनजर की गई है. दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह को लिखे पत्र में सरकार ने उनसे दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों के प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.
विभाग ने उन पर वित्तपोषण के मुद्दों पर "शिक्षकों को उकसाने" और "प्रतिकूल शिक्षा वातावरण बनाने" का आरोप लगाया. पत्र में कहा गया, "समय पर यूसी (उपयोग प्रमाण पत्र) प्रदान करने, सहायता की पद्धति की शर्तों का पालन करने, खातों को ठीक से प्रबंधित करने, आंतरिक संसाधनों के सृजन के लिए तंत्र विकसित करने के बजाय, प्रधानाध्यापकों ने शिक्षकों और कर्मचारियों को भाषणों से उकसाया, एक प्रतिकूल शैक्षिक वातावरण बनाया. प्राचार्य अपने नेतृत्व की भूमिका में रहते हुए प्रतिकूल आलोचनात्मक और शर्मनाक तरीकों का नेतृत्व कर रहे हैं.”
इस पत्र के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक रजिस्ट्रार (कॉलेज) ने प्राचार्यों को पत्र लिखा और उनसे उच्च शिक्षा निदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ हुए सभी संवाद का ब्योरा देने को कहा है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)